आरक्षक रंजीत की मौत का जिम्मेदार कौन
विधानसभा ड्यूटी के दौरान हुई मौत
मंडला से आया था विधानसभा ड्यूटी के लिए
जुबेर कुरैशी
भोपाल..मध्य प्रदेश पुलिस विभाग अपने निचले कर्मचारियों को लेकर कितना गंभीर है और कितना संवेदनशील है इसका जीता जागता उदाहरण विधानसभा में ड्यूटी पर आए एक आरक्षक के अस्मिक निधन के बाद सामने आया है..
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ne राजधानी भोपाल के भदभदा क्षेत्र में पुलिस कर्मचारियों को बेहतर इलाज के लिए सर सुविधायुक्त अस्पताल का लोकार्पण किया..लेकिन क्या सही में ही कर्मचारियों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल पा रही है यह बड़ा सवाल है..
पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति कितना चिंतित और और कितना संवेदनशील है यह मंडला से विधानसभा ड्यूटी पर आए आरक्षक रंजीत बरकड़े के निधन से सामने आ गया है... मंडला जिला पुलिस बल में पदस्थ 32 वर्षीय रंजीत बरकड़े विधानसभा में ड्यूटी के लिए 16 दिसंबर को भोपाल आया था.यहां विधानसभा ड्यूटी के दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई..उसे पहले विधानसभा के ही अस्पताल में दिखाया गया.. जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों दूसरे किसी अस्पताल में ले जाने को कहा... वहां से उसे राजधानी के 1250 अस्पताल में ले जाया गया.. जहां दूसरे दिन यानी की 17 दिसंबर को उसका निधन हो गया... बताया जाता है कि आरक्षक रंजीत ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए विधानसभा ड्यूटी पर नहीं जाने की भी बात कही थी.. लेकिन उसको जबरदस्ती विधानसभा की ड्यूटी पर भोपाल भेजा गया और और ड्यूटी के दौरान उसे पांच पांच घंटे धूप में खड़ा रखा गया.. जिसकी वजह से उसकी तबीयत भी बढ़ गई.. उसको अच्छे से अच्छे इलाज के लिए बड़े अस्पताल ले जाने की बजाये सरकारी अस्पताल ले जाकर भारती कर दिया गया... जहां उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उसका निधन हो गया.. बताया जाता है कि आरक्षक रंजीत की चार माह का बच्ची भी है.. अब सवाल यह उठता है कि आरक्षक रंजीत के इलाज में लापरवाही करने का जिम्मेदार कौन है...