वीसी को घर छोडकर भागना पड़ा
नारदमुनि डेली स्पीक
वीसी को घर छोडकर भागना पड़ा
नारायण नारायण,प्रभु देवर्षि नारद का प्रणाम स्वीकार करें,आगे समाचार यह है कि मध्य प्रदेश के एक वाइस चांसलर के साथ एक मजेदार घटना हुई है। सुनने में आया है कि वीसी साहब चाहते थे कि उनका विश्वविधालय अतिशीघ्र अपने नए ठिकाने पर स्थानांतरित हो जाए किन्तु निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण यह संभव नही हो पा रहा है। अब वीसी साहब चाहते है कि किसी भी प्रकार विश्वविधालय उनके कार्यकाल में ही पचास एकड़ में बने अपने नए ठिकाने पर स्थानांतरित हो जाए और इसके लिए वह स्वयं सबसे पहले नए ठिकाने पर बने वीसी आवास में मय साजों सामान के शिफ्ट हो गए । अब वीसी साहब का यहां शिफ्ट हुए केवल दो दिन हुए थे कि उनको पूरा माजरा समझ आ गया कि क्यों विश्वविधालय को नए ठिकाने पर शिफ्ट नहीं किया जा रहा। दरअसल प्रभु जिस आवास में वीसी साहब शिफ्ट हुए थे उसके घटिया निर्माण की पोल बारिश ने खोल दी। जिस दिन वीसी साहब नए ठिकाने के आवास में शिफ्ट हुए थे उसी दिन जोरदार बारिश हो गयी और वीसी साहब का आवास पानी पानी हो गया। यही हाल विश्वविधालय के नए ठिकाने के निर्माण में देखने को मिला। बरहाल वीसी साहब को दो दिन के भीतर ही नए ठिकाने का आवास छोड़ किराए के भवन में जाना पड़ गया। इस पूरे घटनाक्रम मे मजेदार बात यह रही प्रभु की विश्वविधालय अभी अपने नए ठिकाने पर शिफ्ट भी नहीं हुआ और उसकी मरम्मत कार्य के लिए नया टेंडर निकालना पड़ गया।
कलेक्टर ने बांधा बोरिया बिस्तर
प्रभु एक ऐसा समाचार सुनने को मिल रही है जो आपको भी हैरानी में डाल देगी। दरअसल प्रभु राजधानी भोपाल के पड़ोसी जिले के एक कलेक्टर से सरकार और बड़े साहब नाराज हो गए है और इनकी नाराजगी को देखते हुए कलेक्टर साहब ने जिले से अपना बोरिया बिस्तर बांधना भी शुरु कर दिया हैं। सुनने में आ रहा है कि कलेकटर साहब कभी सरकार और बड़े साहब की गुड बुक में रहते थे किन्तु कुछ दिनों से कलेक्टर साहब को बड़े साहब और सरकार के कुछ निर्देशों का पालन गंभीरता से नहीं करने के कारण उनके कोप का शिकार होना पड़ गया। हालांकि कलेक्टर साहब ने काफी प्रयास किया की बड़े साहब और सरकार की नाराजगी को दूर किया जा सके परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। थक हार कर कलेक्टर साहब ने स्वय ही अपना बोरिया बिस्तर समेटना शुरु कर दिया है।