नारायण... नारायण प्रभु ,मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया अब सरकार चलाने के लिए पूरी तरह परिपकत्व हो चुके हैं..हाल ही में आई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की बहुप्रतिक्ष तबादला सूची को देख कर तो यही लगता है। ब्यूरोक्रेसी में भी इस बात की चर्चा शुरु हो गयी है कि सरकार के मुखिया ने कुछ आईएएस और आईपीएस अफसरों को जोर का झटका इतने धीरे से दिया कि उनकी रविवार की छुटटी का मजा तो किरकिरा हुआ ही साथ ही रातों की नींद भी उड़ गई। मुखिया ने इस तबादला सूची से साफ संकेत दे दिया है कि कोई भी आईएएस और आईपीएस कहीं भी किसी के सामने कितना दम लगा ले किन्तु बुद्धम शरणम गच्छामि तो उनके आगे ही होना पडेगा। प्रभु इस तबादला सूची में कई ऐसे आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम है जो अपने आकाओं के दम पर स्वंय के आगे किसी को कुछ नहीं समझ रहे थे। प्रभु आप तो समझ ही गए होंगे की संकेत किस ओर है।

कलेक्टर -एसपी निशाने पर

प्रभु ,अब एक और समाचार की चर्चा मंत्रालय के गलियारों में सुनाई दे रही है ..सुनने में आ रहा हे कि उत्तर-पूर्वी भाग के एक जिले के पुलिस अधीक्षक और मालवा क्षेत्र के एक जिले के कलेक्टर सरकार के मुखिया के निशाने पर है। जिसके चलते अतिशीघ्र इन दोनो की विदाई तय मानी जा रही है। दरअसल प्रभु सुनने में आ रहा है कि पुलिस अधीक्षक ने अपने जिले के सभी माफियों से गठबंधन कर रखा है और उनके साथ मिलकर जमकर बल्लेबाजी कर रहे है। मुखिया इसी कारण से नाराज बताए जा रहे है। सुनने में तो प्रभु यह भी आया है कि इन पुलिस अधीक्षक का नाम हाल ही में जारी हुई तबादला सूची में भी था किन्तु कुछ कारण से सूची से नाम हट गया परन्तु अगली सूची में इनका नाम शामिल हो चुका है। वहीं अब बात करें कलेक्टर साहब की तो वह भी अब तक जितने जिलों में रहे वहां वह अपनी कार्यप्रणाली से खूब सुर्खियो में रहे। बीच में कुछ दिन वह लूप लाईन में भी रहे किन्तु जुगाड़ तुगाड क वह फिर से कलेक्टर बनने में सफल हो गए और फिर से कलेक्टर बनने ही जमीनों की खरीद फरोख्त शुरू कर दी। इनके कारनामों की खबर भी मुखिया तक पहुंच चुकी है और मुखिया ने इन्हें भी वापस लूप लाईन में भेजने का मन बना लिया है।


मैडम को चाहिए एल्कलाइन वाटर

कुछ दिन पहले तक एक प्राधिकरण में पदस्थ सीधी भर्ती की आईएएस अधिकारी को केवल अलकाईन वाटर पीना ही पसंद है। उनकी इस पंसद के कारण कई बार उनके पुराने स्टाफ को क्या क्या सहन नहीं करना पड़ा यह स्टाफ से बेहतर कोई नहीं जानता ।चूंकि अब मैडम का स्थानतरण दूसरे विभाग में हो गया है तो पुराने स्टाफ ने भी सुकुन की सांस लेना शुरु कर दिया है। सुनने में तो यहां तक आ रहा है प्रभु की यदि मैडम को पीने के लिए एल्कलाइन वाटर नहीं मिलता है तो वह गुस्से से आग बबूला तक हो जाती है । उनका पुराना स्टाफ उनके इस गुस्से से कई बार दो चार हो चुका है। मैडम की एल्कलाइन वाटर के प्रति दीवानगी के बारे में उनके नए स्टाफ को भी पहले से अवगत करा दिया गया है। अब प्रभु नया स्टाफ मैडम के गुस्से को कितना शांत रख पाता है यह तो वहीं जाने हमें क्या। बरहाल प्रभु अब आप मुझे जाने की आज्ञा दीजिए चलता हुँ.. नारायण नारायण ।

( जुबेर कुरैशी )

न्यूज़ सोर्स : The chief took away his sleep