जुबेर कुरैशी 

नारायण.. नारायण...प्रभु, प्रणाम स्वीकार करें... हे स्वामीनाथन मालवा की धरती से  दो वरिष्ठ  अधिकारियों के बीच टशन की चर्चा सुनाई दे रही है.. प्रभु सुनने में आ रहा है कि मालवा के एक चर्चित जिले के पुलिस अधीक्षक और नारकोटिक्स विभाग के एसपी के बीच एक मुखबिर को लेकर जबर्दस्त शीत  युद्ध छिड़ा हुआ है। पिछली सरकार के मुखिया की पत्नी के निकटस्थ रहे पुलिस अधीक्षक लंबे समय से जिले की कमान संभाले हुए है और स्वयं को ईमानदारी का पुरोधा मानते हैं किन्तु वह किस तरह के ईमानदार हैं यह जमीनी हकीकत इस जिले के मादक पदार्थ के तस्करों से बेहतर कोई नहीं जानता। यह पुलिस अधीक्षक कुछ समय से बर्खास्त आरक्षक के पीछे हाथ धो कर पड़े हुए है। यह अलग बात है इस आरक्षक को बर्खास्त भी इन्हीं पुलिस अधीक्षक महोदय ने ही किया था। दरअसल प्रभु पूरा मामला मादक पदार्थ की तस्करी और तस्करों से जुड़ा हुआ है। जिले में ही पदस्थ नारकोटिक्स एसपी बेहद ईमानदार है और बर्खास्त आरक्षक इन ईमानदार एसपी का खास मुखबिर है। इस बर्खास्त आरक्षक की मुखबिरी के कारण नारकोटिक्स विभाग करोड़ों रुपये का मादक पदार्थ बरामद कर चुका है । इस कारण जिले के पुलिस अधीक्षक की छवि तो खराब हो ही रही है साथ ही उनको आर्थिक हानि भी हो रही है। जिसके चलते पुलिस अधीक्षक जहां बर्खास्त आरक्षक पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर रहे है तो दूसरी ओर ईमानदार एसपी उसे बचाने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए है।
 

सत्ता का दलाल निकालेगा लूप लाईन से 

अगला समाचार प्रभु मंत्रालय के गलियारों से सुनाई दे रहा है। गलियारों में इस बात की तेजी से चर्चा सुनाई दे रही हे कि लंबे समय से लूप लाईन में चल रहे प्रमुख सचिव स्तर के एक अधिकारी खनिज विभाग का प्रमुख सचिव बनने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं । दरअसल प्रभु खनिज विभाग के प्रमुख सचिव रहे आईएएस अधिकारी निखुंज श्रीवास्तव के वर्ल्ड बैंक में प्रतिनियुक्ति के आदेश होने के बाद उनकी कुर्सी पर अभी तक किसी की पदस्थापना नहीं हुई है। इस कुर्सी को हासिल करने के लिए इन आईएएस की एक गोपनीय बैठक भी सत्ता के एक ताकतवर दलाल के साथ हो चुकी है। इस दलाल ने आईएएस अधिकारी को पूरा भरोसा दिलाया है कि वह शीघ्र ही उन्हें लूप लाईन से निकाल कर मलाईदार कुर्सी दिलवा देंगे। सत्ता के इस दलाल का खनिज विभाग से पुराना नाता भी रहा है और वर्तमान में सरकार का सबसे करीबी भी है। 
 

माननीय अपनों के व्यवहार से दुखी 

प्रभु मध्य प्रदेश का मानसून सत्र मात्र पांच दिन में समाप्त हो गया जिसे 1 जुलाई से 19 जुलाई तक चलना था। 19 दिन की बजाए मात्र पांच दिन में ही सत्र समाप्त होने से एक माननीय अत्यंत दुखी हैं। यह माननीय संवैधानिक पद पर भी हैं इस कारण से वह  खुलकर अपना दुख भी व्यक्त नहीं कर पा रहे है किन्तु सुनने में आ रहा है कि उन्होंने अपने दुख से केंद्रीय नेतृत्व को जरुर अवगत करा दिया है। दरअसल प्रभु यह माननीय चाहते थे कि सत्र कम से कम पंद्रह दिन तक चले परन्तु एक प्रभावशाली  मंत्री के दबाव में सत्र पांच दिन में ही समाप्त हो गया । इन माननीय का दुख यह भी है कि सदन में उनकी वरिष्ठता और अनुभव को भी कई मंत्री नजरअंदाज किया और उन पर  विपक्ष से मिलीभगत करने  का अप्रत्यक्ष रुप से आरोप लगाने का प्रयास भी किया। प्रभु आप तो महाज्ञानी और अंतर्यामी है। इन माननीय का दुख का निराकरण कैसे होगा यह आप से बेहतर कोैन समझ सकता है। आपकी लीला आप ही जाने हमारे पास तो फिलहाल आज यहीं खामोश खबरें थी जो प्रशासनिक  और राजनीतिक गलियारों में गूंज रही हैं ...अब चलता हुं आज्ञा दीजिए नारायण.. नारायण -

न्यूज़ सोर्स : Superintendent of Police and SP Tashan in Narcotics