जुबेर कुरैशी 

 

एडीजी साहब आपने यह क्या किया

 

नारायण...नारायण .. हे प्रभु ..हे जगन्नाथम..धरती लोक पर अफसर वर्ग कितना निर्दयी होेता जा रहा है...अफसर अपनी खुन्नस निरीह प्रजा पर निकाल रहे है और निरीह प्रजा को कहीं से न्याय नहीं मिल पा रहा है। प्रभु ताजा मामला मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय से सामने आया है। प्रभु खबर पक्की है कि एक एडीजी स्तर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर ने अपनी खुन्नस एक ऐसे परिवार पर निकाली है जो परिवार न्याय की आस लिए पुलिस मुख्यालय आया था। प्रभु पता चला है कि एक व्यक्ति अपनी पत्नी और नाबालिग पुत्र के साथ अपने चार पहिया वाहन से न्याय की आस में पुलिस मुख्यालय पहुंचा था किन्तु वहां एक एडीजी साहब के अन्याय का शिकार हो गया। प्रभु जानकार सूत्रों का कहना है कि यह व्यक्ति जब अपनी कार पुलिस मुख्यालय के प्रवेश द्वार से कुछ दूरी पर खड़ी कर सुरक्षा कर्मी को अपना नाम पता बता रहा था उसी दौरान यह एडीजी साहब अपनी सरकारी कार से मुख्यालय में दाखिल हुए तो उनको उक्त व्यक्ति की कार के कारण आगे जाने में दिक्कत हो गयी ...बस फिर क्या था एडीजी साहब का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने आव देखा ना ताव स्वंय अपने वाहन से उतरे और पहले तो उक्त व्यक्ति की कार की चाबी अपने कब्जे में की फिर उक्त व्यक्ति की उसकी पत्नी और पुत्र के सामने अपमान करना शुरू कर दिया....अपमान करने के बाद भी जब एडीजी साहब का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्हों यातायात पुलिस को बुलाकर उक्त व्यक्ति की कार का पांच हजार का चालान करवा दिया। इस दौरान वह व्यक्ति,उसकी पत्नी और पुत्र तक एडीजी साहब से क्षमा याचना करते रहे लेकिन एडीजी साहब ने उन्हें क्षमा नहीं किया और अपने वातानुकूलित कक्ष में जाकर बैठ गए। इसी बीच यह परिवार गर्मी और एडीजी साहब का गुस्सा सहन नहीं कर सका और पत्नी और पति वहीं बेहोश हो गए। जैसे ही इसकी भनक एडीजी के कानों तक पहुंची वह तुरंत चुपके से अपने कार्यलय से खिसक लिए। बाद में होश में आने के बाद जैसे तैसे इस परिवार ने पांच हजार का जुर्माना भरा और पुलिस मुख्यालय से रवाना हुआ। इसके बाद यह परिवार वहां से सीधे मंत्रालय पहुंचा और प्रमुख सचिव गृह से एडीजी की लिखित शिकायत की। प्रभु अब प्रश्न यह है कि क्या इस परिवार की शिकायत पर प्रमुख सचिव या सरकार के मुखिया कोई कार्रवाही करेंगे। प्रभु आपको बता दूं यह वही एडीजी है जो अपने खडूस व्यवहार के कारण चर्चा में रहते है।.... 

 

मंत्री जी निशाने पर 

 

प्रभु आगे समाचार यह है कि मध्य प्रदेश के एक युवा और तेजतर्रार मंत्री इन दिनों सरकार और संगठन के निशाने पर आ गए है। दरअसल प्रभु सुनने में आया है कि एक केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिक्षा से जुड़े बडे घोटाले का पर्दाफाश कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इस घोटाले में पुलिस के एक निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ भी पकड़ा गया.जिसे सेवा बर्खास्त किया जा चुका हे। प्रभु पता चला है कि जैसे जैसे केंद्रीय जांच एजेंसी करोड़ो रुपये के इस घोटाले की जांच में आगे बढ़ रही है वैसे वैसे कई ऐसी परते भी खुल रही है जिसके चलते स्वंय जांच एजेंसी कश्मकश में उलझ रही है। जानकार सूत्रों का कहना है प्रभु..की इस घोटाले में प्रदेश के एक मंत्री की भूमिका भी संदिग्ध पायी जा रही है... जांच एजेंसी ने इसकी जानकारी ऊपर तक पहुंचा दी है। जिसके बाद से यह मंत्री सरकार और संगठन के निशाने पर आ गए है। प्रभु ऐसी संभावना जताई जा रही हे कि आगे होने वाले मंत्रीमंडल विस्तार में इन मंत्री जी का पत्ता कट सकता है। 

 

एसीपी मांगे हिस्सा

 

है प्रभु..हे जगन्नाथम..कुछ तो करो... अब देखों ना प्रभु.. जहां पुलिस मुख्यालय में एक परिवार एडीजी की निर्दयता का शिकार हो गया तो वहीं राजधानी भोपाल के एक पुलिस संभाग की एसीपी यानि सहायक पुलिस आयुक्त खुलेआम जुआरियों और सटोरियों से हिस्सा मांग रहीं है। प्रभु सुनने में आया है कि इन एसीपी के क्षेत्र में जुआरियों और सटोरियों का जलवा है। उनके थाना क्षेत्र में खुलेआम जुआ सट्टा होने की शिकायतें आम है। यह शिकायतें जब एसीपी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने सबसे पहले अपने अधीनस्थ थाना प्रभारियों की जमकर क्लास लगायी और उनसे कहा की ऐसा नहीं चलेगा। अगर ऐसे ही चलाना है तो उनको भी उनका हिस्सा मिलना चाहिए...प्रभु अब थाना प्रभारी ठहरे पुराने चावल और एसीपी पुलिस की नौकरी में नई नवेली तो थाना प्रभारियों ने उन्हें किसी भी तरह का हिस्सा देने से साफ मना कर दिया। थाना प्रभारियों के इंकार के बाद यह एसीपी अपने थाना प्रभारियों से बुरी तरह चिड़ गयी और उन्हें सबक सिखाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के कान भरने के साथ ही थाना प्रभारियों की झूठी सच्ची शिकायतें करने लगी। इतना करने के बाद भी जब थाना प्रभारियों पर कुछ असर नही हुआ और थाना प्रभारी हिस्सा देने के लिए राजी नहीं हुए तो इन एसीपी ने सीधे जुआरियों और सटोरियों को तलब कर लिया और उनको पहले तो जमकर पुलिसिया रोब दिखाया और फिर उनसे यह जानकारी ली की वे थाना प्रभारियों को कितना हिस्सा देते है। जुआरियो और सटोरियो ने जो बताया उसके बाद एसीपी ने उनसे उसी हिसाब से अपने हिस्से की मांग कर दी। अब यह चर्चा आम हो चुकी है कि एसीपी ने सटोरियो से अपना हिस्सा मांगा है हालांकि सटोरियो ने अभी तक एसीपी तक उनका हिस्सा नहीं पहुंचाया है..जिसके चलते उनके इलाके में जुआ सट्टा फिल्हाल बंद है। तो प्रभु यह हाल है पुलिस आयुक्त प्रणाली के..अब आप ही काई मार्ग दिखाएं ... फिल्हाल प्रभु आज के लिए इतना ही ...अब चलता हुं कृपा दृष्टि बनाए रखे...नारायण नारायण

न्यूज़ सोर्स : Silent News -Naradamuni Speak