मलाईदार विभाग जाने से हैरान परेशान
नारायण..नारायण प्रभु-तो समाचार यह है प्रभु की मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी पिछले एक पखवाड़े से हैरान परेशान है। दरअसल प्रभु इनकी हैरानी और परेशानी का कारण भी अजीब हैं..यह अधिकारी पहले केवल एक ही विभाग के प्रमुख थे किन्तु हाल ही में सरकार ने उनसे एक विभाग लेकर दूसरे कई अन्य विभागों का प्रमुख बना दिया । अब इन अधिकारी के साथ समस्या यह है कि जिस एक विभाग के वह पहले प्रमुख थे वह काफी मलाईदार था और सीधे जनहित के कार्य से जुड़ा था परन्तु अब उन्हे जिन नए विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है उनमे से एक भी विभाग पुराने विभाग की टक्कर का नहीं है। यही कारण है कि यह अधिकारी मलाईदार विभाग हाथ से जाने और बिना मलाई वाले विभागों का जिम्मा मिलने से दुखी और परेशान है। प्रभु सुनने में तो यह भी आ रहा है कि नए विभागों का कार्यभार तो इन साहब ने संभाल लिया है किन्तु उसके बाद से वहां के कर्मचारी और अधिकारी साहब की सूरत देखने के लिए तरस गए है। इन साहब के लिए किसी ने बहुत सुंदर पंक्ति कही है.. देने वाले तूने कमी नहीं की अब किस को क्या मिला यह तकदीर की बात है।
पहली ही पारी में खुलकर बल्लेबाजी
प्रभु अगला समाचार ऐसा है जिस सुनकर किसी को हैरानी नही होेगी क्योंकि अधिकतर नौकरशाह इन पुलिस अधिकारी की फितरत से अच्छे से वाकिफ है-तो समाचार यह है कि सबसे नए नवेले प्रमोटी आईपीएस अफसर जिन्हें काफी प्रतीक्षा के बाद एक जिले का पुलिस कप्तान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ... पुलिस कप्तान बनने कें कुछ समय तक तो यह प्रमोटी आईपीएस अफसर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वाहन करते रहे किन्तु अब सुनने में आ रहा है प्रभु की साहब ने अपनी फितरत के अनुसार कार्य करना आरंभ कर दिया है। यानि की उनके जिले में जुए और सटटे का कारोबार शुरु हो चुका है और साहब ने इस धंधे के माध्यम से काली कमाई करनी शुरु कर दी है। यहां आपको बता दें प्रभु की जब यह साहब राजधानी में पदस्थ थे तो इसी कारण से काफी चर्चित भी थे।
मंत्री नहीं बनने से दुखी विधायक की नज़र अध्यक्ष की कुर्सी पर
तो चलिए बढ़तें है अगले समाचार की तरफ-अगला समाचार राजनैतिक गलियारे से सुनाई दे रहा है - प्रभु सुनने में आ रहा है कि मंत्री नहीं बनाए जाने से दुखी भाजपा के एक क़द्दावर नेता अब प्रदेश अध्यक्ष बनने के सपने देख रहे है और केंद्रीय नेतृत्व को हर प्रकार से साधने के लिए प्रयासरत है। इस कारण से वह गोपनीय रुप से संघ और संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों से भेंट कर भेंट भी दे चुके है। यह इस प्रयास में है कि किसी भी प्रकार संघ और संगठन के पदाधिकारी उनकी कुंडली सीधे सीधे मोदी-शाह तक पहुंचा दें। यहां आपको बता दें कि यह पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक एक केंद्रीय मंत्री के काफी निकट माने जाते है और केंद्रीय मंत्री भी इनको प्रदेश अध्यक्ष बनवाने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। अब देखना यह है कि इन नेता जी और केंद्रीय मंत्री के प्रयास सफल हो पाते है या मध्य प्रदेश में नए भाजपा अध्यक्ष का नाम भी मुख्यमंत्री के नाम की तरह ही चौंकाने वाला होगा। तो प्रभु यह थी अब तक की वो खामोश खबरें जिनकी चर्चा सुनाई दी। अब चलता हुँ..आज्ञा दीजिए.. नारायण नारायण।
( जुबेर कुरैशी )