सीनियर आईपीएस को लगी पचास लाख की चपत
नारायण...नारायण ,प्रभु सुनने में आ रहा हे कि मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के छोटे पुत्र के साथ बड़ा खेला हो गया हैं। जिसके कारण पुलिस अधिकारी तनाव में है। दरअसल प्रभु सुनने में आया है कि डीजी स्तर के आईपीएस अधिकारी के छोटे पुत्र सायबर ठगी के शिकार हो गए है। ठगों ने उनके पुत्र को अपने झांसे मे लेकर लगभग पचास लाख की आन लाइन ठगी की है। इस ठगी की शिकायत भी सायबर थाने में दर्ज हो गयी है । इस पूरे प्रकरण मे मज़ेदार बात यह है प्रभु की ठगी की राशि पचास लाख की बजाए दस लाख लिखाई गयी है। पुलिस ने इस मामले में सब्जी बेचने वाले दो लोगो को पकड़ा है जिनके खाते में राशि पहुंची थी,उनका कहना है कि उन्हें केवल पांच पांच हजार रुपये ही मिले है बाकी राशि मुख्य आरोपियों ने ली है। अब वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुलिस पर दबाव बना रहे है कि पचास लाख रुपये आरोपियो से बरामद किए जाएं परन्तु सायबर पुलिस के साथ समस्या यह आ रही है कि रिपोर्ट दस लाख की लिखाई गई है दबाव पचास लाख की बरामदगी के लिए डाला जा रहा है।
सचिव जी के भी जागे अरमान
अगले वर्ष रिटायर होने जा रहे है सचिव स्तर के एक आईएएस अधिकारी सारे काम काज छोड़ कर इन दिनों एक वर्ष की संविदा नियुक्ति लेने के लिए भाग दौड़ कर रहे है। अत्यंत शांत स्वभाव के यह अधिकारी पहले शांति के साथ रिटायर होना चाहते थे किन्तु एक आईपीएस अधिकारी को रिटायरमेंट से पहले ही जब सरकार ने एक साल की संविदा नियुक्ति के आदेश जारी किए तो इन आईएएस के अरमान भी मचलने लगे। सुना है प्रभु की अब यह आईएएस अधिकारी चाहते हे कि उन्हें भी सरकार उनके अच्छे कार्य के लिए एक साल की संविदा नियुक्ति दें । अपनी इस मंशा से वह सरकार और बड़े साहब को भी अवगत करा चुके है । उन्हें पूरा विश्वास है कि रिटारमेंट से पूर्व उनकी संविदा नियुक्ति के आदेश हो जाएंगे।
पत्रकारों की सूची वायरल -विभिषण कौन
प्रभु इन दिनो मध्य प्रदेश के पत्रकारों की एक सूची चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस सूची में मध्य प्रदेश के धुरधर पत्रकारों के नाम शामिल है और उनके नामों के आगे कोड वर्ड में 01...50...25....20...15....10...5 नंबर दर्ज है। किन्तु सूची से 1.50 कोड वाले पत्रकारों का नाम हटा दिया गया है। यह सूची परिवाहन विभाग के नाम से वायरल की गयी है। इस सूची के वायरल होने से मध्य प्रदेश के पत्रकार कई खेमों में बंट गए है। पत्रकारों के साथ साथ नौकरशाह भी अपने अपने कयास लगा रहे है। सुना है प्रभु यह सूची वायरल करने में परिवाहन विभाग के ही एक आला अधिकारी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ही एक वरिष्ठ पत्रकार शामिल बताए जा रहे है.. इसकी जानकारी भी सूची में नाम वाले पत्रकारों को मिल गयी है। सूची की सच्चाई क्या है प्रभु यह तो आप को भलिभांति पता ही है किन्तु अब सूची वायरल करने वाले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के इस वरिष्ठ पत्रकार और परिवाहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के कार्यकलापों की पोल खोलने का अभियान शुरू होने जा रहा है। यहां आपको बता दें प्रभु जिस पत्रकार का नाम सूची वायरल करने में आ रहा हे उस पत्रकार को कमलनाथ सरकार ने चार करोड़ से उपकृत किया था ऐसा भी सुना है। तो प्रभु यह थे वो खामोश समाचार जिनके चर्चे हर जगह सुनाई दे रहे है। बरहाल प्रभु आपकी लीला अपरंपार ...अज्ञा दीजिए अब चलता हुं ... नारायण नारायण
(जुबेर कुरैशी)