(ज़ुबेर क़ुरैशी)

नारायण नारायण ... हे प्रभु हे जगन्नाथम प्रणाम स्वीकार करें ...प्रभु आपको मैं जो खामोश खबर बताने जा रहा हुं उसकी चर्चा इंदौर की एक होटल से निकल कर अब मंत्रालय के गलियारों तक पहुंच चुकी है। दरअसल प्रभु सुनने में आ रहा है कि एसीएस स्तर के एक अधिकारी दस दिन पूर्व इंदौर की एक अलीशान होटल में अपनी प्रोफसर महिला मित्र के साथ रातें रंगीन करके लौटे हैं। ए और वी नाम की इस होटल के जिस कमरें में यह वरिष्ठ आईएस अधिकारी रुके थे उसी कमरें में उन्होंने रायपुर में रहने वाली अपनी महिला मित्र के साथ दो रातें गुजारी । प्रभु यह भी पता चला है कि महिला मित्र स्वयं तो पेशे से प्रोफेसर है उनके पति भी छत्तीसगढ कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। महिला प्रोफेसर रायपुर से सीधे फलाईट से इंदौर पहुंची थी और दो दिन बाद फलाईट से वापस रायपुर लौटी। महिला प्रोफेसर के साथ रातें रंगीन करने वाले आईएसएस अधिकारी की रंगीन मिजाजी के चर्चे आम है।

पीए की उंगली पर नाचते आईजी

तो प्रभु अगला समाचार यातायात प्रबंध से जुड़ी पुलिस शाखा से जुड़ा हुआ है। सुना ह कि इस शाखा में कुछ माह पूर्व स्थानांतरित होकर आए एडीजी के एक निज सहायक एक आईजी को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं -आईजी प्रमोटी आईपीएस है और इसी शाखा में आईजी के पद पर पदस्थ हैं और उनके सेवानिवृति भी जल्द होने वाली है। प्रभु सुनने में आ रहा है कि पूर्व में एस ए एफ एडीजी के स्टाफ में पदस्थ इस निज सहायक को भ्रष्टाचार की शिकायत के चलते वहां से हटाया गया था। यह निज सहायक जोड़ तोड़ कर यहां पदस्थ हो गया और अब यहां पदस्थ आईजी को अपनी उंगिलयों पर नचा रहा है हालांकि वह है तो एडीजी का निज सहायक किन्तु आईजी साहब का भी कामकाज भी वहीं देख रहा है । उसने आईजी साहब पर ना जाने कौन सा जादू कर रखा है कि आईजी उसकी उंगलियो पर नाच रहे हैं। प्रभु यह समाचार भी पुलिस गलियारे में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग यह पता करने का प्रयास करने में लगे हुए कि आखिर आईजी के पीए की उंगलियों पर नाचने के पीछे कारण क्या है।

वफा कर के भी तन्हा रह गए

दिल के अरमां आसूंओ में बह गए ..हम वफा कर के भी तन्हा रहे गए
 यह लोकप्रिय गाना इन दिनों भाजपा के एक कददावर नेता गुनगुना रहे है ...पहले मुख्यमंत्री और फिर केंद्रीय मंत्री नहीं बनने से प्रदेश के यह कददावर नेता इन दिनों कुछ खफा खफा नजर आ रहे है और उनकी नाराजगी उनके व्यवहार में भी साफ नजर आ रही है। विधान सभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में भाजपा की जीत का परचम लहराने मे अहम भूमिका निभाने वाले जमीन से जुडे इन दिग्गज नेता जी को पूरा विश्वास था कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी जाएगी किन्तु विधान सभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की पाने का उनका सपना पूरा नही हुआ इसके बावजूद वह पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए और जीत का इतिहास भी रच दिया लेकिन इस बार भी केंद्रीय मंत्री बनने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका। अब वह यह पता लगाने प्रयास कर रहे हे कि आखिरकार कौन उनकी राह में रोड़ा डाल रहा है। तो प्रभु यह थी अब तक की खामोश खबरें ...अब जाने की अनुमति दीजिए ..जल्द लौटूंगा नए समाचारों के साथ ...नारायण नारायण

न्यूज़ सोर्स : Senior IAS made the nights colorful