नारदमुनि स्पीक 

 कांग्रेस विधायक के चरणों में रिटायर्ड डीजी

नारायण नारायण,प्रभु समय कितना बलवान होता है यह मध्य प्रदेश के एक रिटायर्ड डीजी को अच्छे से समझ आ गया होगा। प्रभु यह किस्सा उन डीजी से जुड़ा है जो अपने सेवाकाल में खुद के आगे किसी को कुछ नहीं समझते थे। अब देखों ना प्रभु उनके रिटायर होते ही समय का चक्र ऐसा घुमा की उन्हें कांग्रेस के एक विधायक के चरणों में बैठना पड़ गया। प्रभु दरअसल  मामला यह है कि यह डीजी जब सरकारी सेवा में थे तो सारे मलाइदार पदों पर पदस्थ रहे और हर तरह से जमकर मलाई खाईं । इस दौरान कांग्रेस विधायक ने उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और लोकायुक्त से लेकर हर जगह उनके भ्रष्टाचार की शिकायतें की. यहां तक की विधायक जी ने विधानसभा में भी इन रिटायर्ड डीजी के खिलाफ मामला उठाया लेकिन कुर्सी पर रहते डीजी सब मैनेज करते रहे लेकिन डीजी साहब के रिटायार होते ही विधायक जी ने उनके खिलाफ फिर से मोर्चा खोला तो रिटायर डीजी को कांग्रेस विधायक के चरणों पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ गया । 
और बोलना पड़ा कि बख्श दो मुझे!

 कलेक्टर साहब ने कभी नही सोचा होेगा ऐसा 

प्रभु एक ऐसी चैकाने  वाली खबर सुनकर आप भी चौंक जाएंगे । मध्य प्रदेश में ऐसा कोई नेता या अफसर नहीं जो इन कलेक्टर साहब के आदेश को टाल दे लेकिन ऐसा संभव हो गया। एमपीसीए के एक पदाधिकारी ने खुद को इन कलेक्टर से भी ज्यादा ताकतवर बता दिया। दरअसल प्रभु इंदौर में हुए भारत-साउथ अफ्रिका के बीच किक्रेट मैच के कुछ वीवीआईपी पास देेने के लिये कलेक्टर ने एमपीसीए के इन पदाधिकारी से निवेदन किया था लेकन एमपीसीए के पदाधिकारी ने प्रदेश के सबसे पावरफुल कलेक्टर का निवेदन ठुकरा दिया। अब जब मध्य प्रदेश में इन कलेक्टर का हर आदेश सबके लिए मान्य होता है तो ऐसे में एमपीसीए के एक पदाधिकारी का उनका निवेदन ठुकराना चर्चा का विषय बन गया। प्रभु यह अलग बात है कि कलेक्टर साहब ने उसी दिन एमपीसीए के पदाधिकारी को अपनी हैसियत बता दी थी।