नारायण नारायण,है प्रभु है जगन्नाथम यह क्या हो रहा है मध्य प्रदेश की धरती पर ...सुनने में आ रहा है कि अपनी हठधार्मिता के लिए प्रख्यात सीधी भर्ती के एक आईएएस अधिकारी एक क्षेत्रीय प्रबंधक को निलबंन से बचाने के लिए विभाग के मंत्री से ही उलझ गए हैं...यह आईएएस अधिकारी मंत्री जी के विभाग के ही प्रमुख सचिव हैं .. प्रभु सुना है कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में मंत्री जी और पूर्व प्रबंध संचालक ने दो प्रकरणों में क्षेत्रीय प्रबंधक को दोषी मानते हुए उन्हें दोनों ही प्रकरणों में निलबिंत करने का निर्णल लिया था। यह निर्णय हुए लगभग दो माह हो चुके है किन्तु अब तक क्षेत्रीय प्रबंधक को निलंबित नहीं किया गया है। इसके अलावा कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में हुए किसी भी निर्णय पर प्रमुख सचिव ने अमल नहीं किया है। जिससे मंत्री जी प्रमुख सचिव से खासे नाराज है। सुना तो प्रभु यह भी गया है  प्रभु की प्रमुख सचिव से नाराजगी के चलते मंत्री जी मंत्री मंडल की बैठक तक का भी बहिषकार कर चुके है। प्रभु आपको बता दे यह वहीं प्रमुख सचिव है जिनकी इससे पूर्व भी एक कद्दावर मंत्री से लगातार विवाद के समाचार सुनाई दिए थे। कददावर मंत्री ने जिसके चलते कुछ ही माह में इन प्रमुख सचिव को अपने विभाग से रुखसत करा दिया था। अब प्रमुख सचिव की कार्यप्रणाली को लेकर प्रदेश सरकार के मुखिया भी अप्रसन्न नजर आ रहे है और अति शीघ्र ही इन प्रमुख सचिव पर निर्णय लेने वाले हैं। 

 

 आईपीएस को मिलेगी सेवावृद्धि 


प्रभु मध्य प्रदेश के एक प्रमोटी आईपीएस अधिकारी को रिटायरमेंट से पूर्व ही सेवावृधि मिलने जा रही है। इस प्रमोटी आईपीएस अधिकारी का इसी साल रिटायरमेंट है किन्तु यह आईपीएस अधिकारी सरकार के मुखिया के अत्यंत निकटस्थ अधिकारी में शामिल है यही कारण है कि मुखिया ने उनके रिटायरमेंट से पूर्व ही उन्हें सेवावृद्धि दिलाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके बाद इन प्रमोटी आईपीएस अधिकारी को सेवावृद्धि मिलना लगभग तय हो चुका है। यदि प्रमोटी आईपीएस अधिकारी को सेवावृद्धि मिलती है तो संभवतः प्रभु मध्य प्रदेश के इतिहास में यह पहला ही मामला होगा।  मेरे स्मरण में किसी प्रमोटी आईपीएस अधिकारी को सेवावृद्धि दिए जाने का कोई मामला नहीं है ...हां प्रभु यदि आपके स्मरण में ऐसा कोई प्रकरण हो तो मुझे भी अवश्य बताएं। 

 

 पद एक दावेदार अनेक 

 

सरकार की नाक, कान और आंख कहे जाने वाला एक महत्तपूर्ण पद रिक्त पड़ा है। इस पद को पाने के लिए कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कतार में है,यानि प्रभु यहां पद एक दावेदार अनेक वाली कहावत सही हो रही है। दरअसल प्रभु पूर्व में कभी इस पद को इतने समय तक रिक्त नहीं रखा गया है। इसलिए प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि सरकार के मुखिया इस पद को भरने के लिए कहीं दिल्ली के निर्देशों की प्रतीक्षा तो नहीं कर रहे है। प्रदेश के मुख्य सचिव को लेकर जिस तरह कुछ ही घंटो में पासा पलट गया उसे देखते हुए प्रशासनिक  गलियारों में चल रही चर्चा को भी बल मिल रहा है। अब ब्यूरोक्रेसी प्रतीक्षा कर रहीे है इस महत्तपूर्ण पद पर सरकार के मुखिया की पसंद को तरजीह मिलती है या इस पर भी दिल्ली की पसंद का नाम तय होगा। वैसे प्रभु आपको बता दूं की फिलहाल  इस पद के लिए तीन सशक्त दावेदार है। 

 

 नए सीएस ने उड़ाई एक एसीएस की नींद 

 

मध्य प्रदेश के नए सीएस के नाम की घोषणा होने के साथ ही एक एसीएस स्तर के अधिकारी की नींद भी उड़ गयी है। सुनने में आ रहा हे कि कभी मुख्य सचिव बनने की दौड़ में शामिल  रहे इन एसीएस से नवागत मुख्य सचिव की कभी पटरी नहीं बैठी है। सुनने में तो यह भी आ रहा हे प्रभु की जब नवागत मुख्य सचिव पूर्व सरकार के पूर्व मुखिया की विशेष टीम में थे तब भी नवागत सीएस की इन एसीएस से नहीं बनती थी और दोनों एक दूसरे को एक आंख भी नहीं सुहाते थे। मुख्य सचिव बनने की दौड़ में पिछड़ने के बाद यह एसीएस पूरा प्रयास कर रहे थे कि किसी भी प्रकार से उनके विरोधी रहे वह मुख्य सचिव नहीं बन सके किन्तु प्रभु उनकी यह मनोकामना पूरी नहीं हुई । अब इन एसीएस को भय सता रहा हे कि यह नवागत मुख्य सचिव उनका रिटायरमेंट खराब नहीं कर दे । इसी कारण से उनकी नींद उड़ी हुई है। तो प्रभु यह थी अब तक की वो खामोश खबरें जिनकी चर्चा हर तरफ सुनाई दी। अब चलता हुँ..आज्ञा दीजिए नारायण नारायण ।


 (जुबेर कुरैशी)

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