नारदमुनि डेली स्पीक
नारायण नारायण,प्रभु देवर्षि नारद का प्रणाम स्वीकार करें। प्रभु सुनने में आ रहा है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रथम पुलिस आयुक्त मकंरद देउस्कर का अब प्रदेश में मन नहीं लग रहा है। भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुए एक वर्ष पूर्ण हो चुका है। प्रभु सुनने में आ रहा है पुलिस आयुक्त मकंरद देउस्कर अब केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते है और अपनी इस इच्छा से उन्होंने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेेना को भी अवगत करा दिया है। साथ ही उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर जाने का आवेदन भी  दे दिया है। उनके प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा प्रकट करने के बाद भोपाल के नए पुलिस आयुक्त की तलाश भी शुरु हो गयी है। सुनने में आ रहा है कि भोपाल के नए पुलिस आयुक्त के लिए हाल ही में प्रतिनियुक्ती से लौटे सीधी भर्ती के आईपीएस अधिकारी अभय सिंह का नाम सुर्खियों में चल रहा है। इनके अलावा गुप्तवार्ता में पदस्थ आईजी डॉ आशीष और प्रशासन में पदस्थ आईजी जो जल्द एडीजी बनने वाले है विवेक शर्मा का नाम भी भोपाल के नए पुलिस आयुक्त के लिए चर्चा में बना हुआ है। प्रभु मजेदार तथ्य यह है कि  तीनों ही अधिकारी पूर्व में किसी ना किसी रुप में भोपाल में पदस्थ रह चुके है।

सिंधिया धर्मसंकट में

प्रभु मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह को चौथी बार मुख्यमंत्री बनवाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रीमंत सिंधिया के सामने धर्मसंकट उत्पन होने की पूरी संभावना नजर आ रही है। प्रभु सुना है कि मध्य प्रदेश अति शीघ्र मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार मे एक  सिंधिया समर्थक को मंत्री पद भी मिलना तय है। श्रीमंत के सामने धर्मसकंट यह आने वाला है कि एक मंत्री पद के लिए उनके दो समर्थक दावेदार है। इनमें एक से उनके सदियों पुराने खानदानी रिश्ते है तो दूसरे से उनका वफादारी का रिश्ता है। वफादारी भी ऐसी है कि श्रीमंत के एक कहने पर अपनी विधायकी का  त्याग कर चुके है और दोबारा चुनाव लड़कर विधायक बने। अब प्रश्न यह उठता है कि श्रीमंत मंत्रीमंडल विस्तार के समय इस धर्मसकंट से कैसे पार पाएंगे।

एडीजी को आया पसीना

अपनी तेजतर्रार और गुस्सैल छवि के कारण विवादों और चर्चा में रहने वाले  पुलिस मुुख्यालय की एक महत्वपूर्ण शाखा में पदस्थ एक एडीजी को एक डीएसपी ने ऐसा डोज दिया की यह एडीजी पसीने पसीने हो गए। प्रभु सुनने में आया है कि एक ही शाखा में पदस्थ एडीजी और डीएसपी के मध्य एक प्रकरण की जांच को लेकर आपस में खींचतान हो गयी । जांच से अंसतुष्ट एडीजी ने डीएसपी के एक बरसों पुराने मामले का हवाला देते हुए डीएसपी की सेवा पुस्तिका में ऐसा लिख दिया जिससे डीएसपी का एडीशनल एसपी के पद पर प्रमोशन मुश्किल हो सकता है। इससे नाराज  हो कर डीएसपी ने उक्त शाखा से ही अपना स्थानांतरण कराने के लिए डीजीपी को आवेदन थमा दिया। आवेदन में डीएसपी ने स्पष्ट लिखा की यदि उनका स्थानांतरण नहीं किया गया तो वह आत्महत्या कर लेंगे और इसकी जिम्मेदारी एडीजी की होगी। जैसे ही इसकी भनक एडीजी को मिली तो वह भागे भागे डीजीपी के पास पहुंचे और तत्काल डीएसपी का स्थानांतरण उनकी शाखा से दूसरी शाखा में करने का अनुरोध कर दिया। डीएसपी के इस कदम की पुलिस गलियारें में खूब चर्चा चल रही है।