दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स में कोई छूट नहीं, नागरिकों को झटका
नई दिल्ली: प्रॉपर्टी टैक्स में दिल्लीवालों को कोई रियायत नहीं मिलेगी। MCD का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान में किसी को भी कोई छूट या रियायत नहीं दी गई है। MCD ने अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्मों और सोशल मीडिया पर प्रॉपर्टी टैक्स से छूट से संबंधित प्रसारित हो रही गलत जानकारी के संबंध में यह स्पष्टीकरण जारी किया है। MCD ने सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों से तय समय सीमा के अंदर प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने की अपील की है। ऐसा न हो कि छूट के लालच में पड़कर उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स पर ब्याज और जुर्माना भी देना पड़े।
MCD का कहना है कि उन्हें लोगों से लगातार इस तरह के सवाल मिल रहे थे कि उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना होगा या नहीं? इसलिए MCD ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स सभी कब्जाधारियों और मालिकों के लिए देना अनिवार्य है। इसकी अनिवार्यता में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स दिल्ली नगर निगम के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो कुल राजस्व का लगभग एक-चौथाई भाग होता है। वार्षिक बजट प्रक्रिया के तहत, निगम प्रत्येक साल कर और शुल्क की दरें निर्धारित करता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए फरवरी 2024 में पारित बजट के अनुसार तय की गई थी। इसी तरह, 13 फरवरी 2025 को हुई बैठक में निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कर और शुल्क संबंधी निर्णय लिए हैं।
वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा MCD
अधिकारियों का कहना है कि MCD इस समय गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें ₹14,000 करोड़ से अधिक की देनदारी बाकी है। इसमें नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ, और ठेकेदारों के बकाये का भुगतान भी शामिल है। यदि निगम की वित्तीय स्थिरता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की गई, तो सफाई, सड़कों, गलियों और जल निकासी प्रणालियों का रखरखाव व आवश्यक नागरिक सेवाओं को बनाए रखना कठिन हो जाएगा। इन वित्तीय बाधाओं को देखते हुए, प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने का न तो कोई कानूनी आधार है और न ही कोई वित्तीय औचित्य। इसलिए सभी प्रॉपर्टी मालिक 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले स्वयं-मूल्यांकन के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करा दें।