कृष्णमोहन झा/


मुख्यमंत्री के आदेश पर हरदा के कलेक्टर को मंत्रालय में उपसचिव और पुलिस अधीक्षक को मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। इनके अलावा भी अनेक अधिकारियों के विरुद्ध सरकार ने कठोर कदम उठाने में तनिक भी विलम्ब नहीं किया। भविष्य में प्रदेश के किसी भी हिस्से में इस तरह के भयावह हादसे न घट सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टरों को अपने जिले में चल रही पटाखा फैक्ट्री में सभी सुरक्षात्मक उपाय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री यादव की इस त्वरित कार्रवाई और गहन संवेदनशीलता की सराहना की है।
             मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में एक ऐसा साहसिक फैसला भी किया जिसका राजधानी भोपाल की जनता काफी समय से इंतजार कर रही थी। यह था भोपाल से बी आर टी एस कारिडोर की विदाई। इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री को सर्वत्र सराहना मिली। गौरतलब है कि राजधानी में यातायात के सुचारु संचालन हेतु पूर्व मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल में 360 करोड़ रुपए की बी आर टी एस कारिडोर का निर्माण किया गया था परन्तु यह कारीडोर अपनी उपयोगिता सिद्ध करने में असफल रहा। इस काऱीडोर की तकनीकी खामिय्के के कारण घटित अनेक हादसों में कई लोगों की जाने चली गई। सड़कों पर वाहनों का दबाव भी घटने के बजाय जब बढ़ने लगा तो इसे हटाने की मांग उठने लगी । कमलनाथ सरकार इस मामले में अनिर्णय का शिकार बनी रही और अंततः ढा मोहन यादव के पास मुख्यमंत्री पद की बागडोर आते ही नये मुख्यमंत्री ने एक बहुप्रतीक्षित साहसिक फैसला लेने में कोई विलंब नहीं किया और बाकायदा उस फैसले पर अमल भी शुरू हो गया। भोपाल से बी आर टी एस कारिडोर हटाने का साहसिक फैसला लेकर मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे प्रदेश के सुनियोजित विकास के पक्षधर हैं। मोहन यादव सुनियोजित विकास की अपनी परिकल्पना को और स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि हमारे देश में भगवान श्री राम सुशासन का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। जन-जन का कल्याण रामराज्य का पहला पाठ है। जब हम रामराज्य की बात करते हैं तो उसका मतलब जनता के प्रति जवाबदेही और कामकाज में पारदर्शिता से है। सबकी सेवा ही गुड गवर्नेंस है।

न्यूज़ सोर्स : Mohan Yadav created a unique identity with quick decisions