आईजी बोले ..आने दो आने दो
आने दो आने दो आने दो ,जी हां जो भी है आने दो ,आने दो के यह शब्द इन दिनो मध्य प्रदेश के एक पुलिस महानिरीक्षक की जुबान से सुनाई दे रहे है। किन्तु यह शब्द केवल उन्हीे को सुनाई देंगे जिनको आईजी साहब से कोई काम निकलवाना होगा। नारायण.. नारायण,प्रभु प्रणाम स्वीकार करें ,तो समाचार यहीं है कि जल्द सेवानिवृत्व होने जा रहे एक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के आने दो..आने दो..की चर्चा रेंज के चारों ओर सुनाई दे रही है और यह चर्चा अब रेंज से निकल कर पुलिस मुख्यालय तक भी पहुंच चुकी है...प्रभु आप तो महाज्ञानी है अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की आने दो..आने दो..से आईजी साहब का क्या आशय है और वह किस चीज को लेकर आने दो.. आने का बोल रहे है।आपको बता दे..तेजतर्रार छबि वाले यह आईजी अब तक के अपने सेवाकाल के दौरान किसी ना किसी विवाद के कारण चर्चा का केंद्र बिंदू रहे हैं।
मनोकामना रह गयी अधूरी
एक साथ कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे सचिव स्तर के एक आईएएस अधिकारी का कुछ दिन पहले अचानक स्थानतरण हो गया। जिसके कारण उनकी एक मनोकामना अधूरी रहे गयी किन्तु जाते जाते भी यह अधिकारी लगभग दो करोड़ का गाला कर गए। सुना है प्रभु कि इन अधिकारी के पास जिन विभागों की जिम्मेदारी थी उनमें से एक विभाग को केंद्र सरकार से करीब पचास करोड़ रुपये मिलने वाले है। इन करोड़ो रुपयों को गोलमाल करने के लिए इन अधिकारी ने पूरी तैयारी भी कर ली थी किन्तु अचानक से सरकान ने उनसे उस विभाग का जिम्मा वापस लेकर दूसरे अधिकारी को दे दिया। जिसके कारण इनकी रुपयों को गोलमाल करने की योजना धरी रह गयी। यह अधिकारी अचानक से हुए फेरबदल के कारण से फिलहाल सदमें है।
अधिकारियों में टशन .. अमले की मौज
मध्य प्रदेश के एक मलाईदार विभाग में पदस्थ दो आला अधिकारियों की आपसी टशन के चलते मैदानी अमले की मौज हो रही है। सुना है प्रभु दोनों अधिकारी भारतीय सेवा के अधिकारी है और दोनों की रेंक तो बराबर है किन्तु सीनियर -जूनियर का फर्क जरुर है। इन दोनों के बीच टशन का कारण माल का बंटवारा सही ढंग से नहीं होना है। इन दोनो की टशन में मजेदार बात यह है प्रभु कि दोनो अधिकारी फिजिक्ली फिट भी नहीं है। बावजुद इसके सबसे मलाईदार विभाग में पदस्थ है । प्रभु सुनने में आ रहा हे कि इनकी टशन के कारण सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है और यह नुकसान कोई और नहीं पहुंचा रहा है बल्कि इनका मैदानी अमला ही पहुंचा रहा है। बरहाल प्रभु सरकार की सरकार जाने हमें क्या,तो प्रभु यह थी वो खामोश खबरें जिनकी चर्चा सुनाई दी ..अब चलता हुँ..आज्ञा दीजिए, नारायण ..नारायण
( जुबेर कुरैशी )