जुबेर कुरैशी

 

नारायण नारायण ...प्रभु प्रणाम स्वीकार करें...तो समाचार यह है प्रभु कि मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी स्तर के एक प्रमोटी आईपीएस अफसर अगले वर्ष सेवानिवृत्व होने जा रहे है,यह आईपीएस अफसर लंबे समय से लूप लाईन में पदस्थ है और इनकी डीआईजी से आईजी के पद पर पदोन्नती भी लूप लाईन में रहते ही हुई है। इनका सेवाकाल का अधिकतर समय भी लूप लाईन में रहते व्यतित हुआ है जिसके कारण वह हीनभावना के शिकार हो चुके है क्योंकि उनके बैचमेट अभी भी किसी ना किसी रेंज में आईजी है। अब चूंकि उनकी सेवानिवृत्ती का समय धीरे धीरे निकट आ रहा है तो वह भी अब रेंज आईजी बनने के इच्छुक नजर आने लगे है...सुना है प्रभु कि अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए वह संघ के एक बड़े नेता के समक्ष बुद्धम शरणम गच्छामी भी हो चुके है...अब देखते हैं प्रभु उनकी यह इच्छा पूरी हो पाती है कि नही...

 

घोटाले ने किया दौड़ से बाहर 

है प्रभु है जगन्नाथम यह क्या हुआ हरिराम ..मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव बनने की कतार में खड़े एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के सपनों पर उनके कार्यकाल में हुए एक बड़े घोटाले ने पानी फेर दिया है। इस घोटाले के सामने आने के बाद अब मुुख्य सचिव बनना तो दूर अब उनके लिए दूसरी मुसीबतें खड़ी होने वाली है। सुनने में आया है प्रभु की एक मंत्री के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम देने वाले यह वरिष्ठ आईएएस पिछली सरकार के मुखिया के भी काफी निकटस्थ रहे है...मुख्य सचिव बनने के लिए नई सरकार के मुखिया के साथ साथ उन्होंने संघ को भी साध लिया था किन्तु अचानक से चिकित्सा शिक्षा से जुड़े बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद अब यह वरिष्ठ अफसर केंद्रीय जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए है।

 

सहायक आबकारी आयुक्त टारगेट पर 

प्रभु अब बात चली है घोटालो की तो मध्य प्रदेश में एक और बड़ा घोटाला इन दिनों में सुर्खियों में आ चुका हे चार सौ करोड़ के फर्जी ड्राफ्ट से जुड़े इस घोटाले को अंजाम देने में एक सहायक आबकारी आयुक्त की भूमिका भी सामने आ रही है। घोटाले की जांच में एक केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री हो चुकी है और जल्द ही एजेंसी इस सहायक आबकारी आयुक्त को अपने शिकंजे में ले सकती हे। इसकी भनक इस आबकारी अधिकारी को भी हो गयी है जिसके बाद से यह आबकारी अधिकारी स्वंय को बचाने के लिए रास्ता तलाश करने में जुटे हुए है। तो प्रभु यह थी अब तक की खामोश खबरें -अगली खामोश खबरें तलाश करने के लिए अब जाना पड़ेगा प्रभु ....चलता हुं नारायण नारायण

न्यूज़ सोर्स : I take refuge in the Buddha