नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में आग लगने की घटना की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर दिल्ली अग्निशमन सेवा और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

दो हफ्ते में सबमिट करनी है रिपोर्ट
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एनजीओ कुटुंब की याचिका पर दो हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी है. मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी.

लापरवाही पर जांच की मांग
बीते दिनों दिल्ली के करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में हुई आग की दुखद घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी, इस घटना के बाद एनजीओ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर लापरवाही की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है.

इस मामले में याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह पेश हुए. याचिकाकर्ता ने सुरक्षा नियमों के गंभीर उल्लंघनों को चिह्नित किया है और भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में संचालित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अग्नि एवं सुरक्षा मानदंडों का पालन किए बिना लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने पर चिंता जताई.

एनजीओ की याचिका में आग घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर एमसीडी, अग्निशमन सेवाओं और दिल्ली पुलिस के आचरण की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है. याचिका में विशाल मेगा मार्ट और आसपास के प्रतिष्ठानों की लाइसेंसिंग और एनओसी स्थिति की भी जांच की मांग की गई है.

बिना लाइसेंस वाले शॉपिंग मॉल, कोचिंग सेंटर्स को बंद करने की मांग
याचिका में करोल बाग और आसपास के इलाकों में बिना लाइसेंस वाले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, भोजनालयों, कोचिंग संस्थानों और इसी तरह की संस्थाओं को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक तत्काल बंद करने का भी अनुरोध किया गया है. दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने और 4 जुलाई से 5 जुलाई, 2025 तक के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं.

विशाल मेगा मार्ट अग्निकांड में दो लोगों की हुई थी मौत
5 जुलाई को लगी आग में 25 वर्षीय धीरेंद्र प्रताप की मौत हो गई थी, जो एक लिफ्ट के अंदर पाया गया था. उसके अपने भाई को आखिरी बार मैसेज किया था कि वो लिफ्ट में फंसा हुआ था और सांस लेने के लिए हांफ रहा था. अग्निशमन अभियान के दौरान एक दूसरा शव भी मिला जिसकी पहचान नहीं हो पाई.