डीसीपी की आशिकी के चर्चा
हे प्रभु,हे हरिराम, हे जगन्नाथम यह क्या हो रहा है मध्यप्रदेश की पुलिस को ..जिसे देखो वो प्रेम के रंग मे रंगा दिख रहा है। प्रभु पुलिस कमिश्नरी में पदस्थ सीधी भर्ती के एक आईपीएस अधिकारी की आशिकी और उनकी प्रेमिका के चर्चे सुनाई दे रहे है। डीसीपी के रुप में कार्यरत इन आईपीएस अधिकारी की जो प्रेमिका है वह उप निरीक्षक के पद पर उन्ही के मातहत थाने मे पदस्थ हे। जिले के हर पुलिसकर्मी और अधिकारी की जुबान पर इन दिनों डीसीपी और उपनिरीक्षक के प्रेम प्रसंग की कहानी है. सुना है प्रभु कि डीसीपी की आशिकी का खुलासा उस समय हुआ जब एक महिला सहायक उपनिरीक्षक ने स्वयं अपनी आखों से डीसीपी कार्यलय में दोनों को प्रेमलीला में मग्न देखा। इसके बाद ऐसे कई अवसर और आए जब दोनों की बढ़ती नज़दीकियों को कई लोगों ने महसूस किया..बरहाल प्रभु हमारा तो आपसे केवल इतना ही अनुग्रह है कि दोनों को आप सुबुद्धि दे।
कलेक्टर को भारी पड़ी ज्यादा समझदारी
बढ़तें हैं अगली खबर की ओर जो सुनाई दे रही है राजधानी से लगे जिले से...पड़ोसी जिले में पदस्थ कलेक्टर ज्यादा समझदारी दिखाने के चक्कर में न्यायालय के निशाने पर आ गए है । सुना है प्रभु की एक मामले में न्यायालय ने कलेक्टर को सम्मन जारी कर अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए .यहीं आदेश अब कलेक्टर के गले की हड्डी बनने जा रहे हैं- कलेक्टर ने न्यायालय के आदेश पर अदालत में हाजिर होने के बजाए न्यायालय को ही पाठ पढ़ाने की कोशिश की -इसके जवाब में अब न्यायालय ने कलेक्टर को चेतवानी जारी कर उनके खिलाफ अवमानना का प्रकरण दर्ज कर लिया और सरकार को कलेक्टर के विरुद्ध कार्रवाही करने के निर्देश भी जारी कर दिए - अब सुनने में आ रहा हे प्रभु कि कलेक्टर की अति शीघ्र जिले से विदाई तय है।
मंत्री जी की लगी क्लास
कई बार सांसद रहने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में पहली बार मंत्री बने एक मंत्री जी की पिछले दिनों संघ के बड़े नेताजी ने जमकर क्लास लगाने के साथ ही उन्हें अपनी आदतें सुधारने तक की चेतावनी दी है। दरअसल प्रभु मंत्री जी अपने चुनाव क्षेत्र में आने वाली एक विवादास्पद भूमि को खरीदना चाहते थे और इसके लिए वह साम दाम दण्ड भेद का उपयोग कर रहे थे किन्तु मंत्री जी को यह नहीं मालूम था कि जिस जमीन को वह खरीदने के लिए इतना सब कुछ कर रहे हे वह संघ के बड़े नेता के करीबी रिश्तेदार की है। संघ के नेता जी को जब मंत्री जी की जमीन खरीदने की चाहत के बारे में पता चला तो उन्होंने मंत्री जी की कारनामों की फाईल निकाली और उन्हें बुला कर फाईल दिख दी..साथ ही उन्हें जमीनों की खरीद फरोख्त से दूर रहने तक की चेतावनी यह कह कर दे दी की पहली बार मंत्री बने हो और ऐसा ना हो आपकी मंत्री पद से जल्दी विदाई ना हो जाए। अब मंत्री जी डरे डरे सहमे सहमे से नजर आ रहे है क्योंकि संघ के नेता जी की पहुंच दिल्ली दरबार तक है..। तो प्रभु यह थी अब तक वह खामोश खबरें जिनकी चर्चा सुनाई दे रही है। बरहाल अब मैं चलता हु आज्ञा दीजिए नारायण नारायण....
( जुबेर कुरैशी )