डीआईजी का भोपाल प्रेम
जुबेर कुरैशी
नारायण नारायण प्रभु ... हे जगन्नाथम मध्य प्रदेश के एक सीधी भर्ती के आईपीए अधिकारी जो वर्तमान में एक रेंज के डीआईजी भी है का मन भोपाल में ऐसा रमा हुआ है कि वह तीन दिन राजधानी में ही रहते हैं । इन डीआईजी साहब का किसी ना किसी कारण से विवादों से नाता भी रहा है। अब जिस रेंज में यह उप पुलिस महानिरीक्षक हैं उस रेंज के जिले अति संवेदनशील माने जाते हैं - अब उनकी रेंज के अधिकारी इस बात को लेकर परेशान है कि किसी भी फाईल पर डीआईजी साहब के हस्ताक्षर कराने या फिर किसी भी संवेदनशील प्रकरण में दिशा निर्देश लेने के लिए उनके भोपाल से लौटने का इंतेजार करना पड़ता है। डीआईजी की रेंज से बिना बताए गैर हाजिरी के चलते कई प्रकरण पेंडिग भी हो रहे हैं..सुना है प्रभु कि डीआईजी साहब को उनकी हर तीसरे दिन में भोपाल यात्रा को लेकर रेंज कई बार उन्हें नसीहत भी दे चुके किन्तु डीआईजी साहब सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
तिकड़ी करें कमाल
सरकार की बेनामी कमाई वाले एक महत्वपूर्ण विभाग में पिछले कुछ महिनों से एक तिकड़ी कमाल कर रही हे। वर्तमान में यह तिकड़ी सरकार के मुखिया तक को गुमराह कर चुकी है। इस तिकड़ी में विभाग के मंत्री और आयुक्त और एक क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं .. क्षेत्रीय अधिकारी हाल ही में स्थांतरित होकर भोपाल आए है और आते ही उन्होंने बिना किसी भय के काली कमाई करना भी शुरु कर दिया है। इन क्षेत्रीय अधिकारी के भयमुक्त होकर धन अर्जित करने पीछे जो कारण बताया जा रहा है वो है उनको मंत्री और आयुक्त का वरदहस्त प्राप्त होना । सुनने में तो यह भी आ रहा है प्रभु यह क्षेत्रीय अधिकारी का फिल्हाल भोपाल में कोई अशियाना नहीं है जिसके कारण उन्हें होटल में रहना पड़ रहा है किन्तु वह एक दिन ही एक होटल में रुकते है और दूसरे दिन होटल छोड़ देते है। वहीं आयुक्त भी पूरी तरह से भोपाल में ही डेरा डाले हुए है और मुख्यालय जाना तक छोड़ दिया वह भी भोपाल से ही सब कुछ संभाल रहे है। इस तिकड़ी ने सरकार के मुखिया को जिस तरह गुमराह किया उसकी धीरे धीरे पोल खुलना शुरु हो चुकी है और सरकार के मुखिया तक भी यह जानकारी पहुंच चुकी है।
कलेक्टर को चाहिए जमीन
मालवा के एक जिले में पदस्थ कलेक्टर को राजधानी भोपाल में अपना फार्म हाउस बनाने के लिए जमीन चाहिए। सुना है प्रभु भोपाल में जमीन खरीदने के लिए यह कलेक्टर इतने उतावले हो चुके की उन्होंने अपने जिले के एक पटवारी को केवल इसी काम के लिए लगा रखा है। अब यह पटवारी भोपाल के पटवारियों और तहसलीदारों से हर दिन सम्पर्क कर केवल और केवल भोपाल सस्ती और अच्छी जमीन दिलाने के लिए गुहार लगा रहे है.किन्तु अब तक कलेक्टर साहब के हिसाब से जमीन नहीं मिल सकी है। सुनने में आ रहा है प्रभु की इन कलेक्टर की जिले से जल्द विदाई होने वाली है इसी कारण से वह भोपाल में जल्द से जल्द जमीन खरीदने के लिए उतावले हो रहे हैं। तो प्रभु यह थी अब तक वो खामोश खबरें जिनकी चर्चा खामोशी के साथ सुनाई दे रही है। अब नई खामोश खबरों की तलाश में जाने के लिए आज्ञा चाहता हुं प्रभु .. नारायण नारायण