1 से 7 दिसंबर ; खाद संकट को लेकर किसान सभा करेगी आंदोलन
भोपाल.. मध्य प्रदेश किसान सभा ने खाद के नकली संकट के विरुद्ध 1 दिसंबर से लेकर 7 दिसम्बर तक सप्ताह भर, प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाने का आह्वान किया है। हाल ही में हुई मध्य प्रदेश किसान सभा की प्रदेश पदाधिकारी मंडल की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। किसान सभा के अध्यक्ष बादल सरोज, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक तिवारी तथा महासचिव अखिलेश यादव ने बताया है कि सरकार की नीतियों के चलते किसानों की हालत पहले से भी बदतर हो गई है। खेती संकट में है। ऐसी स्थिति में खाद संकट से किसानों की हालत और ज्यादा खराब होगी। खाद /उर्वरक का संकट मध्यप्रदेश में गहराया हुआ है। किसान खाद के लिए भारी परेशान है। पहले डीएपी और एनपीके खाद के लिए किसानों ने लाइनों में लगकर बमुश्किल बुबाई के लिए खाद जुटा पाया। अब यूरिया खाद के लिए किसान एक एक बैग के लिए मोहताज हैं। दिन रात लाइने लगाने के बाद भी खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। यूरिया की कमी के चलते फसल भी प्रभावित हो रही है। पूर्व में सोसाइटीज से 75% तथा खुले बाजार से 25% खाद उपलब्ध कराया जाता था। अब उसे बदलकर 50% सोसाइटीज से तथा 50% मार्केट से कर दिया है। असल में तो सोसायटीज को सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत ही दिया जा रहा है , कुल मिलाकर खाद को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली गई है। ऊपर से नकली खाद और बीज की भरमार होने से किसानों की दोहरी लूट हो रही है। एक और नकली खाद के चलते फसल पर दुष्प्रभाव पड़ता है और दूसरी ओर किसानों को आर्थिक क्षति भी होती है। किसान सभा किसानों को लामबंद कर प्रदेश भर में व्यापक आंदोलन चलाएगी और सरकार को बाध्य करेगी कि वह किसानों को समुचित मात्रा में समय पर खाद उपलब्ध कराएं, खाद 100% सोसाइटीज के मार्फत ही उपलब्ध कराई जाए। बाजार में नकली खाद व नकली बीज की बिक्री के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। किसानों को समय पर डीएपी, एनपीके तथा सभी तरह के उर्वरक उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही यह भी मांग की है कि गत माह हुई अतिवृष्टि/बेमौसम बारिश से हुई किसानों की फसल की तबाही के लिए मुआवजा दिया जाए। जो सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है। किसान इन समस्याओं को लेकर साथ ही आवारा पशु, बिजली संकट आदि स्थानीय मांगों को लेकर लामबंदी करेंगे और आगामी दिनों में प्रदेश में किसानों का संघर्ष तेज होगा।