गांधी भवन में भव्य स्वागत के बाद गीत, नारों और गायन से गूंजा प्रांगण
"डकैत चूहे" और "चंपक वन" नाटक का मंचन

भोपाल ।    आज़ादी के 75 वें वर्ष में पांच राज्यों से होकर गुजरने वाली "ढाई आखर प्रेम" की सांस्कृतिक यात्रा छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश होते हुए 41वें दिन मध्यप्रदेश के भोपाल पहुंची। इस दौरान 250 से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम हो चुके हैं। भोपाल में गांधी भवन में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। स्वागत के बाद 'हम गली-गली में प्यार की शम्मा जलायेंगे', 'जब तक रोटी के प्रश्नों पर रखा रहेगा भारी पत्थर आदि जनगीतों और गायन से इप्टा के साथियों ने इंकलाबी माहौल बना दिया। दीपक नेमा के निर्देशन में "चंपक वन" और योगेश परिहार के निर्देशन में "डकैत चूहे" नाटक का मंचन हुआ। इससे पहले यात्रा में शामिल ipta के 21 साथियों का स्वागत करते हुए उन्हें 20 किताबों और पुस्तिकाओं का सेट दिया गया। यह पुस्तिकाएं और किताबें एकलव्य, एका और इप्टा की ओर से दी गईं। यात्रा के साथ जो साथी भोपाल पहुंचे हैं, उनमें से इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा (लखनऊ), छत्तीसगढ़ के इप्टा अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव (भिलाई), अशोक शिरोड़े (बिलासपुर), विनोद कोष्टी (दिल्ली), वर्षा (दिल्ली), मनीष श्रीवास्तव  (दिल्ली), मालांचा (दिल्ली), निसार अली (रायपुर), अमिताभ पांडे (दिल्ली), हरनाम सिंह (इंदौर), राहुल (इंदौर), अनिल दुबे (गुना), कृष्णा दुबे (गुना) , योगेश सिंह (गुना), सुमित बुनकर (गुना), ब्रजेश कुशवाहा (गुना), रामदुलारी शर्मा (अशोकनगर), अरबाज खान (अशोक नगर), रजनीश साहिल (दिल्ली), मृगेन्द्र (अशोकनगर) और विहान उर्फ चीकू (दिल्ली) शामिल हैं।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा ने कहा कि यह यात्रा संवैधानिक मूल्यों को लेकर,  देश के नायकों के आंगन की मिट्टी एकत्र करते हुए और प्रेम सद्भाव का संदेश देते हुए गांव, देहात, शहर कस्बों से होते हुए जनता के साथ संवाद करते हुए गुजर रही है। स्वागत भाषण देते हुए भोपाल की आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश जोशी ने कहा कि भोपाल में इप्टा की यह यात्रा सांस्कृतिक आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित होगी और नए संस्कृति कर्म की शुरुआत करेगी, जो प्रेम और भाईचारे की तहजीब को आगे ले जायेगा। 20 मई को इतवारा चौक, ऐशबाग और हाथीखाना में कार्यक्रम के बाद इंदौर के लिए रवाना होगी। भोपाल आने से पहले सीहोर के श्यामपुर दोराहा और गांधीनगर में यात्रा का स्वागत किया गया। 20 मई को इंदौर रवाना होने से पहले इतवारा चौक और ऐशबाग में कार्यक्रम होंगे। मुख्य कार्यक्रम गांधीभवन में 19 मई को हुआ। इस दौरान नाटक, गीत, गायन और वादन से संबंधित कार्यक्रम हुए। धन्यवाद ज्ञापन IPTA भोपाल के अध्यक्ष शैलेंद्र शैली ने दिया।

 सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए इप्टा के साथी, लेखक, कवि, बुद्धिजीवी व भारी तादाद शहर के आमजन शामिल रहे। कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों की उपस्थिति अच्छी खासी रही। देश के असली नायकों को याद करते हुए, कबीर के प्रेम के संदेश को लेकर 9अप्रैल को छत्तीसगढ़ के रायपुर से शुरू हुई, देश के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाली  इप्टा की इस सांस्कृतिक यात्रा का समापन 22 मई को इंदौर में होगा।