मध्य प्रदेश के सनकी और बददिमाग आईपीएस अफसर
जुबेर कुरैशी
भोपाल/ मध्य प्रदेश में कई ऐसे तुनक मिजाज और बदमिजाज आईएएस और आईपीएस अफसर है जिनके खराब व्यवहार के कारण उनके अधीनस्थ का अधिकारी और कर्मचारी ही इस नाम से पुकारते हैं.. मध्य प्रदेश के यह तुनक मिजाज और बदमिजाज आईएएस और आईपीएस अफसर अपनी तुनक मिजाजी और बदमिजाजी के कारण चर्चा में रहते है। आज हम आपको बताने जा रहे है मध्य प्रदेश के ही सनकी और बददिमाग आइपीएस अफसरों के बारे में । जिन आइपीएस अफसरों के बारे में हम आपको बताने जा रहे है उनको सनकी और बददिमाग अफसर होने का तमगा हमने नहीं बल्कि उनके ही अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिया हुआ है। इन अफसरों के खराब व्यवहार के कई किस्से भी मशहूर है।आखिर क्यों ब्यूरोक्रेट्स बनने के बाद यह अफसर खुद को सर्वोपरि समझने लगते है,आखिर इनकी इस खीज का कारण क्या है। आखिर क्यों यह अफसर अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ साथ जनता के साथ भी बुरा बर्ताव करते है।
जीपी सिंह,डीजी जेल
चलिए तो सबसे पहले आपको रुबरु कराते है मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर आईपीएस अफसर जीपी सिंह से 89 बैच के आईपीएस अफसर जीपी सिंह वर्तमान में जेल डीजी के पद पर पदस्थ हैं। इनका व्यवहार ना तो अपने अधीनस्थ अधिकारियों और ना ही कर्मचारियों से कभी अच्छा रहा। इनके बुरे बर्ताव के कई किस्से मशहूर हैं। फिल्हाल इनके व्यवहार से एक डीएसपी सबसे ज्यादा पीड़ित है। इनकी वजह से उस डीएसपी का एडीशनल एसपी के पद पर प्रमोशन भी रुका हुआ है। हालांकि उक्त डीएसपी ने हाईकोर्ट की शरण ले रखी है और हाईकार्ट ने भी डीएसपी के पक्ष में निर्णय दे दिया है। उक्त डीएसपी के अलावा कई और भी अफसर और कर्मचारी है जो जीपी सिंह के बुरे व्यवहार से पीड़ित हैं। यहीं कारण है कि उन्हें उनके अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारी उन्हें सनकी और बददिमाग अफसर मानते है। उनके इसी व्यवहार के कारण सरकार ने भी उन्हें ज्यादा फील्ड पोस्टिंग में नहीं रखा।
सुधीर साही .. स्पेशल डीजी रेल
अब बात करते है एमपी के और वरिष्ठ आईपीएस अफसर सुधीर साही की। 88 बैच के सुधीर साही वर्तमान में डीजी रेल के पद पर पदस्थ है। इनकी चर्चा तब काफी हुई थी जब एसटीएफ के एडीजी थे। एसटीएफ एडीजी रहते हुए व्यापम कांड की जांच और आरोपियों धरपकड़ के समय यह खूब चर्चा में रहे थे। इनका नाम खालिस ईमानदार अफससरों में शुमार होता है लेकिन इनकी सनक मिजाजी के किस्से भी काफी आम है। इनके कलिग और सबअर्डिनेट सुधीर साही को ईमानदार अफसर तो मानते है लेकिन खड़ूस अफसर की श्रेणी में भी रखते हैं। सुधीर साही को शायद ही कभी किसी अधीनस्थ ने मुस्कुराते हुए देखा हो। उनसे मिलने से भी लोग घबराते है।
मनीष शंकर शर्मा ..एडीजी मैन्यूल
लंबे समय तक प्रतिनियुक्ति पर दुबई में रहने वाले 92 बैच के आईपीएस अफसर मनीष शंकर शर्मा के पिता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और चाचा विधान सभा स्पीकर रह चुके हैं। मनीष शर्मा को लेकर भी उनके सबआर्डिनेट और कलिग की राय अच्छी नहीं है। उनके अधिनस्थ अधिकारी और कर्मचारी कई बार उनके बुरे व्यवहार के शिकार हो चुके है। रायसेन पुलिस अधीक्षक रहते मनीष शर्मा के इस व्यवहार से वहां के रहवासी घबराते थे। मंत्री हो या संतरी,जनप्रतिनिधी हो या आम जनता कोई भी मनीष शर्मा के व्यवहार के कारण उनसे दूरी बनाए रखने में ही अपनी खैर समझतें है।
संजीव शमी
सजीव शमी एडीजी चयन सदैव धीर गंभीर नजर आने वाले 93 बैच के आईपीएस अफसर संजीव शमी वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में एडीजी चयन के पद पर पदस्थ हैं । कम बात करने वाले संजीव
शमी के व्यवहार को लेकर भी उनके मातहत अफसर और कर्मचारी खुश नहीं है। उनके कलिग उन्हें खड़ूस और सनकी अफसर बुलाते हैं। इंदौर पुलिस उनके व्यवहार से उस समय कई बार दो चार हुई जब वह इंदौर के पुलिस अधीक्षक थे। नेता हो या आम जनता उनकी कड़क मिजाजी से घबराते है। उनकी तुनक मिजाजी और बदमिजाजी के भी कई किस्से मशहूर है। उनके इसी रवैये के कारण उनके साथी अफसर भी उनसे दूर ही रहना पसंद करते है।
प्रमोद वर्मा,आईजी सागर
प्रमोद वर्मा सागर आईजी के पद पर पदस्थ 2001 बैच के आईपीएस प्रमोद वर्मा की सनक के भी कई किस्से मशहूर है। उनकी सनक मिजाजी के चर्चे भी आए दिन होते रहते हेे। इस अफसर का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। उनकी धर्मपत्नी निधी वर्मा भी उनपर दूसरी महिला पुलिस अफसर के साथ सबंध रखने तक के आरोप लगा चुकी है। उनके अधीनस्थ अफसर और कर्मचारी उन्हें खड़ूस और सनकी अफसर मानने के साथ ही उन्हें हीनभावना के शिकार भी मानते है। उनके बारे में उनके कलिग का कहना है कि वह कभी किसी से भी सीधे मुंह बात नही करते। यही कारण है कि उन्हें सनकी और खड़ूस अफसर कहा जाता है।
कुमार सौरभ डीआईजी चंबल
डीआईजी चंबल कुमार सौरभ का शुमार भी मध्य प्रदेश के खड़ूस और सनकी आईपीएस अफसरों में होता हैं, 2007 बैच के आईपीएस अफसर कुमार सौरभ का विवादो से चोली दामन का साथ रहा है। एडीशनल एसपी इंदौर रहते डिस्को थेक वाला उनका विवाद काफी सुर्खियों में रह चुका हैं। उनके साथ काम करने वाले कर्मचारी हो या
अधिकारी कभी उनके व्यवहार से खुश नहीं रहे। उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी उन्हें बदमिजाज और बददिमाग अफसर मानते है। उनके खराब व्यवहार के चर्चे आम है।
मनोचिकित्सक की क्या है राय
अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यो है यह अफसर खड़ूस और सनकी ? और क्यों इनका व्यवहार इतना खराब रहता है। इस बारे में हमने भोपाल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा रुमा भटाचार्य से जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि हीन भावना और काम की अधिकता के कारण इनका व्यवहार चिढ़चिढ़ा हो जाता है।
नौकरशाह के लिए आचार संहिता
भारतीय पुलिस सेवा हो या भारतीय प्रशासनिक सेवा किसी भी नौकरशाह के लिए केंद्रीय सिविल सेवा आचरण नियमावली 1964 में आचरण संहिता का नियम हैं। इस नियम के तहत कोई भी केंद्रीय कर्मचारी किसी भी तरह का अशिष्ठ व्यवहार नहीं कर सकता । यदि वह इस नियम का उल्लंधन करता है तो चेतावनी देने के साथ साथ सस्पेंड करने का भी प्रावधान है।