नारायण नारायण ... है प्रभु है जगन्नाथम अब आपका ही सहारा है मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्य सचिव को ..क्योंकि इनके साथ एसएस नाम वाले एक दलाल ने खेला कर दिया है। दरअसल प्रभु पूरा घटनाक्रम जो सुनने मे आ रहा है उसके अनुसार मध्य प्रदेश के कुछ आईएएस और आईपीएस के लिए दलाली करने वाला एसएस नाम के इस दलाल ने एक पूर्व मुख्य सचिव के करोड़ों रुपये हड़प कर लिए है। अब पूर्व मुख्य सचिव इस दलाल से अपनी काली कमाई के करोड़ो रुपये वापस वसूलने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। सुनने में आ रहा हे  प्रभु की दलाल से अपनी काली कमाई वापस प्राप्त कराने के लिए पूर्व मुख्य सचिव ने एक सीनियर पुलिस अफसर से भी गुहार लगाई.. किंतु वहां से भी उन्हें मदद नहीं मिल सकी । यहां आपकों बता दें कि यह दलाल मध्य प्रदेश के आईएएस और आईपीएस के बीच खासा चर्चित है और  कई आईपीएस और आईएएस की काली कमाई को संभलता  है। प्रभु आपकी जानकारी के लिए इस दलाल के बारे में इतना बता देता हुँ कि इस दलाल के समाधि  के यहां लोकायुक्त का छापा पड़ चुका है जो खेती-बाड़ी से जुड़े विभाग का  अधिकारी रह चुका हैं। 

 

मुख्यधारा में लाने केंद्रीय मंत्री से गुहार

 

मध्य प्रदेश के बड़े जिलों में संभागीय आयुक्त रह चुके सचिव स्तर के प्रमोटी आईएएस अधिकारी फिर से मुख्यधारा में आने के लिए छटपटा रहे है। मुख्यधारा से जुड़ने के लिए यह प्रमोटी आईएएस अधिकारी हर जतन कर रहे है। दरअसल प्रभु कभी यह आईएएस अधिकारी सरकार की आंख का तारा हुआ करते थे किन्तु एक हादसे के कारण सरकार की खूब फजीहत हुई क्योंकि इस हादसे के लिए इन्हे ही जिम्मेदार ठहराया गया । जिसके बाद यह आईएएस अफसर सरकार की नजरों से उतर गए और उन्हें मलाईदार पद से हटा कर ऐसी जगह पदस्थ कर दिया जो लूप लाइन मानी जाती है। करीब छह माह से वह लूप लाईन में ही समय काट रहे है..और अब फिर से वापस मुख्यधारा में आने के लिए छटपटा रहे है। मुख्यधारा में वापस आने के लिए उन्होंने एक केंद्रीय मंत्री से गुहार लगायी है और अब उन्हे पूरा विश्वास है कि केंद्रीय मंत्री उनका उद्धार अवश्य  कराएंगे। 

 

 

दत्तक पुत्र आईपीएस की निकली हैकड़ी

 

प्रभु अगला समाचार पुलिस अधीक्षक स्तर के एक आईपीएस अधिकारी से जुड़ा हुआ  है। पूर्व सरकार के दत्तक पुत्र के नाम से मशहूर रहे यह आईपीएस अधिकारी पिछले दो माह से अपनी पदस्थापना के लिए पुलिस मुख्यालय के लगातार चक्कर काट रहे है। लगभग दो माह पहले इनको मालवा के एक जिले के पुलिस अधीक्षक के पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक पदस्थ किया गया था। पीएचक्यू मे आमद दिए उनको लंबा समय हो चुका है किन्तु अब तक उन्हें किसी भी विभाग की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गयी है। जिसके कारण वह बिना विभाग के एआईजी बने हुए है। वह विभाग पाने के लिए लगातार पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के द्वार पर दस्तक दे रहे है परन्तु उन्हें विभाग नहीं मिल पा रहा है।सुनने में आ रहा है कि नई सरकार इन आईपीएस अधिकारी की कार्यप्रणाली से नाराज है पुलिस अधीक्षक रहते उनकी कई शिकायतें सरकार के पहुंची थी उन शिकायतों के कारण ही उन्हें अब तक विभाग नहीं दिया गया है। सुनने में यह भी आ रहा है  की जल्द ही इन आईपीएस की जांच भी सरकार शुरु करने वाली है। यहां आपको बता दे कि यह वही आईपीएस अधिकारी है जो पिछली सरकार में ताव और हैकड़ी में रहते थे और उनकी इसी हैकड़ी के कारण कई वरिष्ठ अधिकारी उनसे अप्रसन्न थे। अब उनकी पूरी हेकड़ी  निकल चुकी है...तो प्रभु यह थी वह खामोश खबरे जिनकी चर्चा प्रशासनिक और पुलिस गलियारे में सुनाई दी। तो प्रभु  अब चलता हुं आज्ञा दीजिए  ... नारायण नारायण 

(जुबेर कुरैशी )

न्यूज़ सोर्स : Broker suppressed black money of former CS