Bilaspur: पिंक आई ने बरपाया कहर स्कूलों में दर्ज संख्या हुई आधी

आई कंजेक्टिवाइटिस संक्रामक कोरोना की तरह चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसके प्रकोप के चलते स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो गई है। बड़ी संख्यामें बच्चे स्कूल जाना बंद कर दिए हैं। शिक्षकों ने संक्रमण के बचाव के लिए बच्चों व उनके पालकों को फोन से जानकारी भी दे रहे हैं।
नमी व गंदा पानी के चलते वायरस तेजी से फैल रहा है। स्कूलों में छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ाई करते हैं। लिहाजा इस बीमारी का दायरा बढ़ रहा है। स्कूलों में आई कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित छात्र पढ़ने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह से शिक्षकों को भी अध्यापन की गति को मेंटेन करने में परेशानी हो रही है।
आई कंजेक्टिवाइटिस का लक्षण कुछ ऐसा है कि आंख में खुजली महसूस करने वाले छात्र खुद सतर्कता बरतते हुए अगले दिन से स्कूल नहीं आने का फैसला कर रहे हैं। इधर स्कूलों में मासिक टेस्ट शुरू हो गए हैं, लेकिन इस बीमारी से ग्रस्त छात्र-छात्राओं को टेस्ट से वंचित होना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा रोजाना स्कूलों में इसके जनजागरण के लिए कैंप लगाए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन दावे हकीकत से बहुत दूर हैं।