संक्रमित पक्षियों से संपर्क से बचें:
बर्ड फ्लू एक वायरल बीमारी है जो पक्षियों में पाई जाती है, लेकिन यह मनुष्यों में भी फैल सकती है। चिकन या अन्य पक्षियों का सेवन करने वाले लोगों के अलावा, जो लोग चिकन नहीं खाते हैं उन्हें भी बर्ड फ्लू हो सकता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि बर्ड फ्लू तो हमेशा उन लोगों को होता है जो चिकन का सेवन करते हैं। लेकिन बिना चिकन का सेवन किए कैसे आप बर्ड फ्लू की चपेट में आ सकते हैं। लेकिन यह बात सच है कि बिना चिकन का सेवन किए भी आप बर्ड फ्लू की चपेट में आ सकते हैं।
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बर्ड फ्लू के संक्रमण के तरीके
संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आना: जो लोग चिड़ियाघर, पोल्ट्री फार्म या अन्य स्थानों पर जाते हैं जहां संक्रमित पक्षी हो सकते हैं, उन्हें बर्ड फ्लू होने का खतरा हो सकता है। अगर आपका ऐसी जगह आना जाना होता है तो आप आसानी से बर्ड फ्लू की चपेट में आ सकते हैं।
पक्षियों के मल-मूत्र के संपर्क में आना: संक्रमित पक्षियों के मल-मूत्र में वायरस हो सकता है, जो मनुष्यों में संक्रमण का कारण बन सकता है। इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है।
पक्षियों के बीच या साथ में रहना : जो लोग पोल्ट्री फार्म या अन्य स्थानों पर काम करते हैं जहां संक्रमित पक्षी हो सकते हैं, उन्हें बर्ड फ्लू होने का खतरा हो सकता है। कई बार आप अपने गार्डन में जो पक्षी पालते हैं उनमें भी संक्रमण हो जाता है। वो भी आपको संक्रमित कर सकते हैं।
आखिर क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
1. बुखार: बर्ड फ्लू के लक्षणों में बुखार, खांसी, और सांस लेने में परेशानी शामिल हो सकते हैं।
2. खांसी: बर्ड फ्लू के लक्षणों में खांसी और सांस लेने में परेशानी शामिल हो सकते हैं।
3. सांस लेने में परेशानी: बर्ड फ्लू के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी और छाती में दर्द शामिल हो सकते हैं।
बर्ड फ्लू से बचाव के तरीके
:संक्रमित पक्षियों से दूर रहना और उनके संपर्क में आने से बचना।
:पक्षियों के संपर्क में आने से पहले मास्क पहनना।
:संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने के बाद हाथ धोना।
:बर्ड फ्लू के टीके का उपयोग करना।