एडीजी का खौफ -पुलिस निरीक्षक हुआ हादसे का शिकार
नारायण नारायण,प्रभु मध्य प्रदेश के एडीजी स्तर के एक अधिकारी का खौफ इन दिनों उनके अधिनस्थों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। इन अधिकारी के खौफ का आलम यह है कि मातहत उनकी दहशत के कारण सड़क दुर्घटना तक के शिकार हो रहे है। अपने कड़क और सख्त स्वभाव के लिए प्रख्यात इन एडीजी के कारण पिछले दिनों उनके एक मातहत पुलिस निरीक्षक सड़क दुघर्टना का शिकार हो कर अपनी हड्डी पसली तुड़वा बैठे । सुना है प्रभु किसी बात को लेकर इन एडीजी साहब ने मातहत निरीक्षक को जमकर फटकार लगायी थी और उसे निलबिंत करने तक की चेतावनी दी थी। एडीजी साहब की फटकार और उनकी चेतावनी के कारण यह निरीक्षक इतने तनाव में आ गए की कार्यलय से घर जाते समय वह सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। सुना है कि जिस पुलिस विभाग के एडीजी साहब कार्यवाहक मुखिया है उस विभाग के अधिकतर कर्मचारी अधिकारी एडीजी साहब के खौफ के कारण तनावग्रस्त है।
पत्नी के पास लोटने के लिए उतावले
लगभग दो वर्ष से पत्नी से दूर रह रहे एक आईएएस अधिकारी अब अपनी धर्मपत्नी से दूर रहना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है । अपनी धर्मपत्नी के पास लोटने के लिए यह आईएएस अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर चुके है किन्तु अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। दरअसल प्रभु सुनने में आया है कि दो साल से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ यह आईएएस अधिकारी अब किसी भी तरह वापस मध्य प्रदेश लोटना चाहते है क्योंकि अब उनको अपनी आईपीएस पत्नी और बच्चे की याद सताने लगी है। प्रदेश वापसी के लिए सरकार से उन्हें अब तक हरी झण्डी नही मिल सकी है। जबकि वह सरकार के मुखिया के गृह जिले में लंबे समय तक कलेक्टर भी रह चुके है। उन्हे पूरी उम्मीद थी कि सरकार के मुखिया के साथ उनके पुराने संबंध काम आएंगे और प्रदेश वापसी के साथ ही उनकी अच्छे पद पर पदस्थापना भी होगी किन्तु प्रभु अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके कारण यह आईएएस अधिकारी दुखी हो चुके है ।
अपने निर्णय पर पछता रहे है पूर्व मंत्री
एक केंद्रीय मंत्री के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री अपने एक निर्णय के कारण अब पछता रहे है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले यह पूर्व मंत्री अब अपने विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं से माफी मांगते फिर रहे है। सुना है प्रभु अब यह मंत्री एक बार फिर से कांग्रेस मे वापसी के लिए भी प्रयास कर रहे है। वह अपने कुछ खास लोगों से यह कहते हुए भी सुने गए है कि भाजपा में शामिल होने का उनका निर्णय उनके जीवन का सबसे खराब निर्णय रहा है। भाजपा में शामिल होने के बाद वह भाजपा सरकार में मंत्री तो बने किन्तु उनकी अपने विभाग के प्रमुख सचिव और जिले के कलेक्टर एसपी से कभी पटरी नहीं बैठ पायी। अब यह पूर्व विधायक जगह जगह यह भी कहते सुने जा रहे हे कि भाजपा में आने के बाद उनका राजनैतिक भविष्य चौपट हो गया है। अब यह पूर्व मंत्री वापस कांग्रेस में शामिल होने के लिए अति उतावले नजर आ रहे हैं। प्रभु देखना यह है कि उनकी कांग्रेस में वापसी हो पाती है या नहीं ...बरहाल प्रभु यह थी वो खामोश खबरें जिनकी चर्चा सुनाई दी .. अब आज्ञा दीजिए चलता हुं नारायण नारायण..
(जुबेर कुरैशी )