नरदमुनि डेली स्पीक 

 मीडिया हाउस और बिल्डर पर अडानी की नजर

नरायण नारायण,प्रभु देवर्षि नारद का प्रणाम स्वीकार करें। प्रभु समाचार यह है कि मध्य प्रदेश में अडानी की दस्तक हो गयी है। संसार के चौथे सबसे धनवान व्यक्ति अडानी मध्य प्रदेश के एक नामी बिल्डर का पूरा बिजनेस टेकओवर करने जा रहे है ,ऐसी चर्चा इन दिनों मध्य प्रदेश के गलियारों में गूंज रही है। प्रभु ऐसा भी सुनने में आ रहा है कि अडानी की कंपनी की टीम ने कुछ दिन पहले नामी बिल्डर के पूरे बिजनेस का सर्वे कर के लौट चुकी है। प्रभु यह तो हुई नामी बिल्डर के  बिजनेस की बात, लेकिन इसके अलावा भी प्रभु एक और खबर चैकाने वाली है। प्रभु सुनने में आ रहा है कि मध्य प्रदेश के एक बड़े मीडिया हाउस को भी अडानी टेक ओवर कर सकते है। प्रभु सुनने में तो यहां तक आ रहा है कि अडानी की टीम इस मीडिया हाउस का भी पूरा सर्वे कर चुकी है। बस फायनल डील होना बाकी है। बाकी प्रभु इन खबरों में कितनी सच्चाई है यह तो आप से बेहतर भला कौन जानता होगा। 

 शिव का सिपाहेसलार श्रीमंत के दरबार में 

प्रभु आपको पता है जब से श्रीमंत सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का पताका थामा है तब से मध्य प्रदेश में श्रीमंत का जलवा लगातार बढता जा रहा है। प्रभु श्रीमंत भाजपा के उन भाजपाईयो के लिए रोशनी की किरण बन कर उभर रहे है जो लगातार साइड लाइन  हो रहे थे । दरअसल प्रभु इस समय मप्र में जिनती तूती सिंधिया समर्थक मंत्रियों और संतरियों की बोल रही है उतनी किसी दूसरे नेता की नहीं। यही कारण है कि अब वे भाजपाई भी श्रीमंत के दरबार में बुद्धम शरणम गच्छामी हो रहे है जो मुख्यमंत्री शिवराज के सबसे करीबी माने जाते है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज के दूसरे कार्यकाल में मंत्री बनने का सुख भोग चुके शिवराज के खास विधायक जो मंत्री बनने  से चूक गए इन दिनो श्रीमंत के दरबार में हाजिरी लगाते तो देखे जा रहे है साथ ही हर समय हर जगह श्रीमंत ही नही उनके करीबी लोेगों के भी गुणगान करते सुने जा रहे हैं।

 बडे साहब बनने में मुखिया बने रोड़ा 

प्रभु तो अब आप को एक ऐसे आईएएस के बारे में बताने जा रहा हुं जो प्रदेश की सबसे बडी कुर्सी पर बैठते बैठते महरुम होते नजर आ रहे है।दरअसल प्रभु सुनने में आ रहा है कि पहले प्रदेश के मुखिया खुद ही इन आईएएस को सबसे बड़े साहब की कुर्सी सौपने के इच्छुक थे और अपनी इच्छा से भी सबको अवगत करा दिया था लेकिन अचानक मुखिया की  इच्छा बदल गयी और अब वह किसी भी सूरत में इन आईएएस को बड़े साहब नहीं बनाना चाहते। प्रभु सुनने में तो यह भी आ रहा है कि मुखिया जी के संकेत पर ही इन आईएएस ने संघ को भी पूरी तरह साध लिया था और उनके बड़े साहब बनने में सबसे बड़ी रुकावट के तौर पर देखे जा रहे है संघ ने भी उनको हरी झण्डी दे दी लेकिन अचानक इन आईएएस का एक ऐसा मामला मुखिया के सामने आ गया जिसने मुखिया का उन्हे बड़े साहब बनाने का इरादा ही बदल दिया । अब यह आईएएस परेशान है कि कैसे मुखिया जी को मैनेज करा जाएं।