कैलाश विजयवर्गीय का सपना इंदौर बने जल्द ही महानगर अपना: राकेश शर्मा

जब हम इंदौर की बात करते हैं तो देश यह विदेश में इंदौर की पहचान प्रमुख रूप से दो कारण से होती है जिसका जिक्र हर व्यक्ति करता है। पहेला देश का सबसे स्वच्छ शहर, साथ ही मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में इंदौर ने देश सहित विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इंदौर और इंदौर के आसपास कई फैक्ट्रियों का जाल फैला हुआ है। साथ ही नई निवेशक भारी संख्या में इंदौर में अपना निवेश कर रहे हैं। जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में लगातार नंबर एक पर है उससे देश के अन्य शहर भी प्रेरणा ले रहे हैं। इंदौर नवाचार करने में लगातार आगे बना हुआ है।
स्वच्छता अभियान में नंबर एक पर रहने वाले इंदौर ने एक नया कीर्तिमान रचाया है। पौधरोपण का कल्चर भी इंदौर के महानगरीय सभ्यता में तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकार भी इंदौर के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है और इंदौर वासियों को कैलाश विजयवर्गीय जैसा एक सच्चा और समर्पित जन प्रतिनिधि मिला है जो मध्य प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री के रूप में सेवा दे रहे हैं। विजयवर्गीय लगातार इंदौर की प्रगति तरक्की में चार चांद लगा रहे हैं। इंदौर में सुविधाओं के विस्तार के लिए कटिबद्ध कैलाश विजयवर्गीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर इंदौर के विकास के लिए नई-नई योजनाओं को मूर्त रूप देने का काम कर रहे हैं।
वह समय दिन दूर नहीं है जब इंदौर शहर मेट्रो वाला शहर कहलाने लगेगा। कैलाश विजयवर्गीय के प्रयासों से आज इंदौर को पूरे विश्व में एक नई पहचान मिली है। कैलाश विजयवर्गीय ग्रेटर इंदौर की कल्पना को साकार करने में अपना संपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इंदौरवासी भाग्यशाली हैं जिन्हें कैलाश विजयवर्गीय जैसा समर्पित जनप्रतिनिधि प्राप्त हुआ है जो 24 घंटे प्रदेश के साथ इंदौर की चिंता करता है। आज देश-विदेश में इंदौर ने एक अलग पहचान बनाई है, इसको देखते हुए कई विदेशी सैलानी और देशवासी इंदौर शहर को देखने के लिए आते हैं कि स्वच्छता अभियान और पौधरोपण व निरंतर विकास ने इंदौर को कितना खूबसूरत बना दिया है।
अपने खान-पान के लिए भी इंदौर पूरे देश में एक अलग पहचान रखता है। पिछले साल इन्वेस्टर मीट इंदौर शहर में आयोजित की गई थी जिसमें देश-विदेश से प्रतिनिधि आए थे। उन्होंने इंदौर को करीब से देखा। साथ ही इंदौर की पहचान नमकीन भारी मात्रा में खरीद कर वे अपने देश लेकर गए थे। इंदौर वासियों ने जिस तरह से अपने मेहमानों का स्वागत किया था। आए हुए प्रतिनिधि उसकी चर्चा अपने देश में लंबे समय तक करेंगे जो हमारे लिए एक गर्व का विषय है। इंदौर वासियों ने महानगर कल्चर को पूरी तरह से अंगीकृत कर लिया है और कैलाश विजयवर्गीय जिस तरह से इंदौर को महानगर बनने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं वह दिन दूर नहीं है जब इंदौर जल्द ही देश में एक और महानगर बनेगा।