मत्स्य महासंघ का महाभ्रष्ट अधिकारी वीके राय

भोपाल। आज हम आपको बताने जा रहे है मध्य प्रदेश मत्स्य महासंघ के एक ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के बारे मे जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के अलावा अपनी महिला सहकर्मी के साथ छेडछाड़ तक करने के आरोप लग चुके है। साथ ही भ्रष्टाचार और लापरवाही के दो अलग अलग मामलों में महासंघ की कामकाज समिति की बैठक मे निलंबित करने का भी निर्णय लिया जा चुका है बावजुद यह भ्रष्ट अधिकारी अभी तक अपने पद पर काबिज है। आखिर कौन है जो इस महाभ्रष्ट अधिकारी को लंबे समय से संरक्षण दे रहा है। उनके बारे में भी हम आपको बताऐंगे -सबसे पहले जानते है कौन है मत्स्य महासंघ को यह महाभ्रष्ट अधिकारी..
क्षेत्रिय प्रबंधक वीके राय
मत्स्य महासंघ के इस महाभ्रष्ट अधिकारी का नाम है वीके राय..यह हम नहीं कह रहे..यह इस अधिकारी के खिलाफ मंत्री से लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में की गयी अब तक की शिकायतों से पता चल रहा है। मत्स्य महासंघ के क्षेत्रीय प्रबंधक के रुप में कार्यरत वीके राय के खिलाफ भ्रष्टचार की कई शिकायतें सामने आ चुकी है लेकिन इन शिकायतों पर अब तक कोई कार्रवाही क्यों नही हुई इसका भी एक बड़ा कारण है। इस कारण के बारे में हम आपको आगे बताएंगे। फिल्हाल इस अधिकारी की ताकत के बारे में हम आपको जो बताने जा रहे है उसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे की आखिर क्यों इस महाभ्रष्ट अधिकारी को बचाया जा रहा है और उसे कौन संरक्षण दे रहा है। वैसे तो इस महाभ्रष्ट अधिकारी वीके राय के खिलाफ दर्जनों शिकायतें है लेकिन हम आपकों इसके भ्रष्टाचारऔर इसके चरित्र के कुछ मामले बता रहे है।
मामला..एक
मत्स्य महासंघ की सबसे महत्तपूर्ण सामिति माने जाने वाली कार्यमंत्रणा समिति जिसके अध्यक्ष खुद विभागीय मंत्री होते है कि अध्यक्षता में कुछ माह पहले बैठक हुई थी.इस बैठक में तत्कालीन प्रबंध संचालक मत्स्य महासंघ नवीन कोठारी समेत अलग अलग विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। इस अहम बैठक में वीके राय को लापरवाही और भ्रष्टाचार के दो अलग अलग मामलो में निलंबित करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन पांच माह बाद भी इस निर्णय पर अमल नहीं हुआ..यानि अब तक इस महाभ्रष्ट अधिकारी को अब तक निलबिंत नहीं किया गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों अब तक इस महाभ्रष्ट अधिकारी को निलबित नही किया गया। इसके बारे में हम आपको आगे बतांएगे।
प्रकरण..दो
मत्स्य महासंघ के महाभ्रष्ट अधिकारी वीके राय के भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक मिश्रा ने 24 अप्रैल 24 को विभागीय मंत्री को लिखित शिकायत कर इंदिरा सागर जलाशय में 88 सदस्यों के खातों में अनियमियत रुप से दोहरे भुगतान करने और पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की। इसके अलावा अभिषेक मिश्रा ने लोकायुक्त मे ंभी वीके राय के भ्रष्टाचार की शिकायत की है । इन शिकायतों की अभी भी जांच जारी है। इसके अलावा पूर्व में भी वीके राय के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत हुई थी जिसकी जांच एक तत्कालीन ईओडब्ल्यू निरीक्षक ने की थी ,जांच में उक्त षिकायत सही पायी गयी थी लेकिन दबाव के चलते उक्त जांच पर आज तक कार्रवाही नहीं हो सकी।
प्रकरण..तीन
भ्रष्टाचार के अलावा वीके राय पर अपनी महिला सहकर्मी के साथ अश्लील हरकते करने का भी आरोप लग चुका है। सूत्रों के मुताबिक महिला सहकर्मी ने वीके राय पर इंदौर की एक होटल मे उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। महिला सहकर्मी का आरोप था कि जब वह वीके राय के साथ एक सरकारी दौरे पर इंदौर गयी थी तो वीके राय ने उसे रात को एक होटल में रुकने के लिए मजबूर किया फिर होटल के कमरे में आ कर उसके साथ गलत नीयत से छेड़छाड़ करने की कोशिश की। बाद में महिला कर्मी की शिकायत पर मत्स्य महासंघ की एक समिति ने जांच की लेकिन राय के दबाव में इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया गया..
ताजा मामला
जानकारी के मुताबिक विभागीय मंत्री ने आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक मिश्रा की शि कायत पर जब पूरे प्रकरण की जांच करायी तो शिकायत सही पायी गयी। इसके बाद मंत्री ने वीके राय को पहले क्षेत्रीय प्रबंधक भोपाल के पद से हटाकर मुख्यालय अटैच कराया फिर उसका स्थानतरण जबलपुर कर दिया लेकिन यहां भी राय ने आला अधिकारियों के साथ सांठगाठ कर आदेश में उल्टफेर कर दो पदो का प्रभार ले लिया ताकि उसे भोपाल नहीं छोड़ना पड़े। जिससे विभागीय मंत्री ने नाराजगी भी जाहिर की..
मंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा
वीके राय की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो मामलों में निलंबन के निर्णय होने के बाद भी उसे निलबित नही किया गया। मंत्री की नाराजगी को देखते हुए वीके राय ने मंत्री और उनके पुत्र के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। सूत्रों के मुताबिक वीके राय ने अपने कुछ गुर्गो से मंत्री और उनके पुत्र के खिलाफ ही शिकायतें करवाना शुरू कर दिया है ताकि मंत्री और उनके पुत्र की छबि खराब की जा सके ।
आखिर राय पर क्यों नहीं होती कार्रवाही
सूत्रों का कहना है कि वीके राय को एक पूर्व आईएएस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है,यह पूर्व महिला आईएएस मत्स्य महासंघ में पदस्थ रह चुकी है। वीके राय से उनके संबंध निकटता वाले है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूर्व महिला आईएएस की सारी बैगारी के कामों को वीके राय ही अंजाम देता है। कार्यमंत्रण समिति में वीके राय को दो प्रकरणों में निलबंन के निर्णय को भी इसी पूर्व महिला आईएएस ने रुकवाया है और पहले भी वीके राय के खिलाफ जितनी भी शिकायते आई है या जांचे हुई है उसमें भी यही पूर्व महिला आईएएस उसे बचाती रही हैं। अब देखना यह है कि बेहद ईमानदार मुख्य सचिव अनुराग जैन मत्स्य महासंघ के इस महाभ्रष्ट और अय्याश अधिकारी वीके राय के खिलाफ क्या कार्रवाही करते है क्योंकि मुख्य सचिव तक भी वीके राय की शिकायतें पहुंच चुकी है।
( दानिश खान की रिपोर्ट )