भोपाल में शाही इमाम पंजाब का ऐतिहासिक बयान: महिलाओं के किरदार पर जोर||

मस्जिद चार मीनार ऐशबाग में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शाही इमाम पंजाब ने मुसलमान महिलाओं के किरदार और इस्लामी इतिहास में उनकी अहमियत पर प्रभावशाली खिताब पेश किया। इस अव,र पर विधायक आरिफ मसूद जी हु मोजूद थे, जिसमें महिलाओं की बड़ी संख्या ने हिस्सा लिया।
*अपने खिताब में, शाही इमाम ने* इस्लामी इतिहास के महान महिलाओं की कुर्बानियों और उनके संघर्षों पर गहन रोशनी डाली। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि मुसलमान महिलाओं ने हर दौर में इस्लाम की तरक्की और इसकी रक्षा में अद्वितीय भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि इस्लामी इतिहास में ऐसी महिलाओं की कहानियाँ भरी पड़ी हैं जिन्होंने न सिर्फ अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियाँ निभाईं, बल्कि समाज और उम्मत के लिए भी बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किए।
*शाही इमाम साहब ने* अपने बयान में यह भी फरमाया कि हमारी जिंदगी का असल मकसद सिर्फ दुनिया की ज़रूरतों को पूरा करना नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारी जिंदगी का मकसद हमारी जिंदगी की ज़रूरतों से ज्यादा अहम है, इसलिए वक़्ती जरूरतों के पीछे अपने मकसद-ए-जिंदगी को नहीं भूलना चाहिए।" उन्होंने कहा कि मुसलमानों का असल मकसद अल्लाह और उसके रसूल की इत्ताअत और फरमाबरदारी है। यह संदेश श्रोताओं के दिलों को गहराई से छू गया।
*शाही इमाम साहब ने* अपने खिताब को इसी अहम पैगाम के साथ मुकम्मल किया और अंत में मुसलमानों के बेहतर भविष्य और दीन पर कायम रहने की दुआ की।
*इस कार्यक्रम की अध्यक्षता* मौलाना अली क़ादिर साहब ने की, जो पूरे आयोजन के दौरान मौजूद रहे। मौलाना साहब की हिदायत में कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। इस प्रोग्राम ने भोपाल की महिलाओं में एक नई जागरूकता और इस्लामिक ज्ञान का बीज बोने का काम किया, जिसने उन्हें अपने किरदार और इस्लामी शिक्षाओं पर गर्व महसूस कराया।