लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जाएंगे अमेरिका, ब्राउन यूनिवर्सिटी में देंगे भाषण
इससे पहले पिछले साल सितंबर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी। तब उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षा समुदाय से जुड़े लोगों से मुलाकात की थी।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अगले सप्ताह अमेरिका जाएंगे। इस दौरान वे ब्राउन यूनिवर्सिटी में भाषण देंगे। वे संकाय सदस्यों और छात्रों से बातचीत भी करेंगे। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी जाएंगे। वहां वे भाषण देंगे। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों से कई मुद्दों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि रोड आइलैंड जाने से पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता एनआरआई समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के पदाधिकारियों और सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे।इससे पहले पिछले साल सितंबर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी। तब उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षा समुदाय से जुड़े लोगों से मुलाकात की थी। उनसे बातचीत की थी। उन्होंने कुछ तकनीकी विशेषज्ञों से भी मुलाकात की थी और डलास क्षेत्र के नेताओं के साथ रात्रिभोज किया था। राहुल ने वॉशिंगटन डीसी में थिंक टैंक, नेशनल प्रेस क्लब और अन्य लोगों के साथ बातचीत भी की थी।
लोको पायलटों की स्थितियों को लेकर सरकार को घेरा
इससे पहले राहुल गांधी ने लोको पायलटों की कार्य स्थितियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमानवीय परिस्थितियों में काम करना न केवल उनके साथ अन्याय है, बल्कि ट्रेनों से यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। राहुल ने 'एक्स' पर एक मीडिया रिपोर्ट भी साझा की, जिसमें दावा किया गया था कि रेलवे ने अवकाश की मांग को अस्वीकार कर दिया। रिपोर्ट में महिला कर्मचारियों के हवाले से कहा गया कि उन्हें शौचालय की सुविधा के बिना आठ घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है।
'कर्मचारियों को अमानवीय तरीके से कैसे काम करना पड़ता है'
राहुल ने कहा, 'पिछले साल जब मैं रेलवे लोको पायलटों से मिला, तो मैं उनकी स्थिति जानकर बहुत चिंतित था। 14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, पर्याप्त आराम नहीं, भोजन के लिए अवकाश नहीं और शौचालय की सुविधा नहीं। दुर्घटनाओं के बाद रेलवे इसे 'मानवीय भूल' कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कर्मचारियों को अमानवीय तरीके से कैसे काम करना पड़ता है।'
'यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ'
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मूल मांगें काम के घंटे तय करना और बेहतर माहौल देना है, लेकिन सरकार ने दिखावे के लिए एक समिति बनाई और समाधान निकालने का कोई इरादा नहीं है। राहुल ने कहा, 'अब भोजन और शौचालय ब्रेक जैसी मांगों को भी यह कहकर खारिज कर दिया गया है कि यह व्यावहारिक नहीं है। यह न केवल लोको पायलटों के साथ अन्याय है, बल्कि ट्रेनों से यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है।' उन्होंने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं- जब तक सरकार बहरी रहेगी, हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।